सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि फेक न्यूज से बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के असर को कम नहीं माना जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर मैसेज को शेयर करने से पहले तथ्यों की जांच करने की अपील की है। 

हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कानून का पालन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए नकारात्मक ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है। फेक न्यूज से देश में एक तूफान आ सकता है। हमें लोगों को किसी भी चीज को फॉरवर्ड करने से पहले उसके बारे में सोचने और पुष्टि करने के लिए जागरूक करना होगा।” उनका कहना था कि मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले उसकी पुष्टि करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद विभिन्न तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी होनी चाहिए। 

प्रधानमंत्री ने कहा, “तथ्यों की जांच करना जरूरी है। इसमें टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका है। लोगों को मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले उसकी पुष्टि करने के तरीकों के बारे में पता होना चाहिए।” जानकारी के स्रोत के लिए केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए। एक फेक न्यूज में देश के लिए चिंता का मामला बनने की क्षमता होती है। 

उन्होंने बताया कि आरक्षण के मुद्दे के दौरान देश को फेक न्यूज के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। लोगों को सोशल मीडिया पर कोई मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले 10 बार सोचना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले जानकारी का विश्लेषण करने और उसकी पुष्टि करने के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया। उनका कहना था, “अपराध करने के तरीके बदल रहे हैं। हमें आधुनिक तकनीकों को समझने की जरूरत है। हम  5G के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। इस वजह से हमें अधिक सतर्क होने की जरूरत है।” देश में इस महीने की शुरुआत में  5G सर्विसेज लॉन्च की गई थी। केंद्र सरकार ने दो वर्ष में इन सर्विसेज को पूरे देश में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। 

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By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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