कंपनी ने एक एनालिस्ट कॉल में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होना प्रोडक्शन की योजना बनाने में एक चुनौती है। इससे कंपनी की प्रोडक्शन वॉल्यूम पर असर पड़ रहा है। मारुति सुजुकी की सप्लाई चेन, इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन और सेल्स टीमें उपलब्ध सेमीकंडक्टर्स से अधिकतम प्रोडक्शन वॉल्यूम हासिल करने के लिए काम कर रही हैं। दूसरी तिमाही की तुलना में तीसरी तिमाही में सेमीकंडक्टर की सप्लाई में सुधार हुआ है। हालांकि, कंपनी दिसंबर तिमाही में सेमीकंडक्टर की शॉर्टेज की वजह से लगभग 46,000 यूनिट्स का प्रोडक्शन नहीं कर सकी है।
मारुति सुजुकी के पास गुरूग्राम और मानेसर के प्लांट्स में 15 लाख यूनिट्स के कुल प्रोडक्शन की कैपेसिटी है। इसके अलावा गुजरात के प्लांट में कंपनी लगभग 7.5 लाख यूनिट्स का प्रोडक्शन कर सकती है। कंपनी का कहना है कि डिमांड में बढ़ोतरी हो रही है और वह इंडस्ट्री से अधिक ग्रोथ हासिल कर सकती है। मारुति का दिसंबर में प्रोडक्शन 17.96 प्रतिशत घटकर 1,24,722 यूनिट्स का रहा। इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1,52,029 यूनिट्स का था। कंपनी ने बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की शॉर्टेज का पिछले महीने व्हीकल्स के प्रोडक्शन पर कुछ असर पड़ा है। कंपनी ने इस असर को कम करने के लिए उपाय किए हैं।
मारुति का मिनी कार और कॉम्पैक्ट कार सेगमेंट में प्रोडक्शन 21 प्रतिशत गिरकर 83,753 यूनिट्स का रहा। इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1,06,090 यूनिट्स का था। इस सेगमेंट में Alto, S-Presso, Baleno, Celerio, Dzire, Ignis, Swift और WagonR जैसी कारें शामिल हैं। लाइट कमर्शियल व्हीकल Super Carry का प्रोडक्शन पिछले महीने 587 यूनिट्स का था। यह इससे पिछले वर्ष के समान महीने में 3,262 यूनिट्स था। कंपनी की दिसंबर में होलसेल सेल्स लगभग नौ प्रतिशत घटकर 1,39,347 यूनिट्स की रही। कंपनी ने इस महीने से इनवेंटरी का लेवल कम रखने की योजना बनाई है। मारुति का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर लगने वाले अधिक टैक्स के कारण ये अधिकतर लोगों की पहुंच से ये बाहर हो जाते हैं।