पिछले 10 हजार 200 साल में भारत में सबसे ज्‍यादा बारिश कहां हुई? जानें

क्‍या आपको मालूम है, देश में सबसे ज्‍यादा बारिश कहां होती है? जेहन में पहला नाम चेरापूंजी का आता है। अब एक नई स्‍टडी में बताया गया है कि बंगाल की उत्तरी खाड़ी के आसपास के इलाकों में पिछले 10,200 साल में देश के किसी भी हिस्से की तुलना में ज्‍यादा वर्षा हुई है। इस स्‍टडी में पिछले 10 हजार साल में भारत में ग्रीष्मकालीन मॉनसूनी वर्षा की गतिशीलता को देखा गया। स्‍टडी का मकसद इकोसिस्‍टम पर क्‍लाइमेट चेंज के दीर्घकाल‍िक इम्‍पैक्‍ट को बेहतर ढंग से समझना है।

स्‍टडी में बताया गया है कि बंगाल बेसिन ग्रीष्मकालीन मानसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा की ट्रैजेक्‍टरी पर स्थित है। यह मॉनसून के प्रति बहुत संवेदनशील है। मॉनसून में थोड़ा भी बदलाव इस इलाके की कृषि आधारित सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर असर डाल सकता है।

बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) ने इस इलाके के मॉनूसन के इतिहास को दोबारा तैया‍र किया है। करीब 10,200 साल के हाइड्रो-क्‍लाइमेटिक इतिहास में वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस इलाके में 100,000-5,600 वर्षों के दौरान भारी वर्षा देखी गई, जो पिछले 4,300 वर्षों में कम हुई है। अपने निष्‍कर्षों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने बंगाल बेसिन के उत्तरी भाग से एक सूखी झील के तल से तलछट के नमूने एकत्र किए। फ‍िर तकनीक की मदद से अन्‍य जानकारी जुटाई गई। 

दूसरी ओर, उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी जारी है। हालांकि एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश को इस साल भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर मॉनूसन पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह अल नीनो को बताया जा रहा है। वहीं इस वक्‍त मौसम में ला नीना का असर है, जिससे ठंड का प्रकोप ज्‍यादा है, जबकि अल नीनो का असर इस साल जुलाई से सितंबर तक रह सकता है। यह मॉनसूनी सीजन होता है। अल नीनो का ज्‍यादा असर हुआ, मॉनसूनी बारिश प्रभावित हो सकती है। 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *