सर्दियों की आखिरी पूर्णिमा आज, जानें इसे क्‍यों कहते हैं Worm Moon

इस बार की सर्दियों की आखिरी पूर्णिमा आज भारत समेत तमाम देशों में दिखाई देगी। इसे वॉर्म मून (Worm Moon) भी कहा जाता है। यह नाम अमेरिका के मूल निवासियों द्वारा दिया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आज शाम 6.30 बजे से पूर्णिमा का शानदार नजारा आसमान में देखा जा सकेगा। अगर आप के इलाके में मौसम साफ नहीं है। आसमान में बादलों का डेरा है, तो परेशान ना हों। वॉर्म मून को ऑनलाइन लाइव भी देख सकते हैं, जिसकी जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार, वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट आज वॉर्म मून के खास नजारे को कैमरों में कैद करेगा। वह रोम के ऊपर चमकते चांद को दिखाएगा। प्रोजेक्‍ट की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर इसे लाइव देखा जा सकेगा। 

वॉर्म मून नाम कहां से आया? इस बारे में आमतौर पर माना जाता है कि यह मौसम सर्दियों का अंत और वसंत का आरंभ होता है। केंचुए धरती पर दिखाई देने लगते हैं, जिससे पक्षियों के भोजन में बढ़ोतरी होती है। हालांकि स्‍पेसडॉटकॉम ने बताया है कि यह नाम कृमि की एक अलग प्रजाति से संबंधित हो सकता है और अमेरिकी जनजातियों द्वारा दिया गया है। 

आज दिखाई देने वाली पूर्णिमा को कई और नाम भी अतीत से ही दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं- ईगल मून, द गूज मून और क्रो कम्स बैक मून। बहरहाल, बीते कई दिनों से चंद्रमा आसमान को रोशन कर रहा है, जो आज शाम सबसे ज्‍यादा चमकदार नजर आएगा और अगले कुछ दिनों तक पृथ्‍वी को यूं ही रोशन करेगा। यह ऐसी पूर्णिमा है, जो पृथ्वी पर कहीं से भी दिखाई देती है, लेकिन आपके इलाके का आसमान साफ होना चाहिए। 
 

अगस्‍त में होंगी 2 पूर्णिमाएं

रिपोर्टों के अनुसार, इस साल 13 पूर्णिमाएं होंगी। अगस्‍त महीने में 2 पूर्णिमाएं नजर आएंगी। भारत की बात करें, तो आज दिखाई देने वाली पूर्णिमा लोगों को साफ-साफ नजर आनी चाहिए। उत्तर भारत में मौसम साफ नजर आ रहा है। अगर आपको पूर्णिमा नहीं दिखाई देती, तो आप यह नजारा ऑनलाइन देख सकते हैं।  
 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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