रिफ्यूजी फ‍िल्‍म का एक गाना है… पंछी, नदियां, पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्‍हें रोके। वाकई पंछ‍ियों की कोई सरहद नहीं होती। इसीलिए तो एक युवा पक्षी ने 11 दिनों में 13560 किलोमीटर की नॉन-स्‍टॉप उड़ान भरकर रिकॉर्ड बनाया है। पक्षी ने यह सफर 11 दिनों में तय किया और अलास्का से ऑस्ट्रेलिया की दूरी तय की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 5 महीने के बार-टेल्ड गॉडविट (bar-tailed godwit ) ने 13 अक्टूबर को अलास्का से उड़ना शुरू किया था और 24 अक्टूबर को यह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर तस्मानिया में एन्‍सन्स बे (Ansons Bay) में उतरा। 

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इस पक्षी को 234684 के नाम से जाना जाता है। यह उन कई पक्षियों में से एक है, जिसे वैज्ञानिकों ने 5G सैटेलाइट टैग से अटैच किया था। इन पक्षियों के प्रवास के पैटर्न को ट्रैक करने के लिए अलास्का में इन्‍हें सैटेलाइट टैग से अचैट किया गया था।  पुकोरोकोरो मिरांडा शोरबर्ड सेंटर (Pukorokoro Miranda Shorebird Centre) ने अपने फेसबुक पेज पर बताया है कि 234684 नाम वाले इस गॉडविट ने 13 अक्टूबर को अलास्का से उड़ान भरी थी और निश्चित रूप से यह तस्मानिया तक बिना रुके हुए सफर करता रहा। 
 

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं होगा, जब किसी गॉडविट ने इतना लंबा सफर तय किया होगा। हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक टैग किया गया पक्षी अलास्का और ऑस्‍ट्रेलिया के तस्मानिया के बीच उड़ा है। एक लोकल बर्डवॉचर अब इसे देखने के लिए ‘एन्‍सन्स बे’ की ओर जा रहा है। हालांकि भारी बारिश की वजह से साइट पर पहुंचने में परेशानी आ रही है।  

सफर के दौरान गॉडविट के रास्‍ते में वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया समेत ओशिनिया द्वीप भी आए थे। पक्षी वहां रुक सकता था, लेकिन इसने सीधे तस्मानिया तक उड़ान भरी। ऐसा करके इसने पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो 4BBRW नाम के एक वयस्‍क गॉडविट ने बनाया था। साल 2021 में उस गॉडविट ने 13,050 किमी का सफर तय किया था। 

बर्डलाइफ तस्मानिया के एक एक्‍सपर्ट ‘एरिक वोहलर’ ने कहा कि दिन और रात में लगातार उड़ने से इस पक्षी के शरीर का वजन आधा या उससे भी कम हो गया है। 234684 के लिए यह उड़ान खतरे से खाली नहीं थी, क्‍योंकि यह प्रजाति पानी पर उतरने में असमर्थ है। अगर कोई गॉडविट पानी पर उतरता है, तो वह मर जाता है। सफर के दौरान अगर यह गॉडविट थकने की वजह से पानी में गिर जाता या खराब मौसम उसे समुद्र में रोकता, तो उसकी जान नहीं बचती। 

बहरहाल, उड़ान पूरी करने के बाद अब पक्षी अपना वजन दोबारा हासिल कर लेगा। ऑस्ट्रेलिया के तटीय और मीठे पानी के वेटलैंड्स इन प्रवासी बर्ड्स के लिए आराम करने और भोजन के क्षेत्र हैं। सर्दियों के मौसम में यह यूरोप से लेकर अफ्रीका और ऑस्‍ट्रेलिया में अपने दिन बिताते हैं। 





Source link

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *