सरकार का कोई भी ढोल अब लोगो को पसंद नहीं आ रहा है। इसका क्लासिक उदाहरण है लेह में बीजेपी दफ्तर को आग के हवाले कर देना।
नं न न ये पुरानी खबर नहीं है विजयदशमी यानी की दसहरा बीत चुका है राम ने रावण को धरासाइए कर दिया है और गांधी जयंती की शुभकामनये भी देश के नेताओं के सोशल मीडिया handel से निकल कर अब बासी हो चुकी है और आज हमे दसहरा और गांधी जयंती मनाये हुए 10 दिन से ऊपर हो चुकें हैं।
कुछ दिनों में राम अयोध्या भी पहुँच जायंगे मतलब दिवाली भी आ जायेगी आपके घर राम भी आ जायेंगे मगर लदाख का राम और गांधी विचारधारा को मानने वाले sonam वांगचु कारागार में बंद है।
इसलिए आज कहानी एक गांधीवादी व्यक्ति के गिरफ्तारी की कहानी लेह में हुई हिंसा की हम लोग भूल जाते हैं इसलिए आपको याद दिलवाना जरुरी है। देश कह तो रहा है की हम sonam वांगचु के साथ खड़े है मगर कोई भी व्यक्ति दसहरा पर उत्सव मनाना नही भुला देश का धरोहर काल कोठड़ी में बंद है और हम उत्सव मनाने में व्यस्त है।
इसलिए एक बार फिर से आपको याद दिलाते हैं सोनम वांगचु अपनी मांगों के साथ अब तो मुझे वो तारीख भी याद नहीं है कि वो शख्स लेह लद्दाख के अधिकारों के लिए सरकार से कब से गुहार कर रहा है शायद 2016 से ही लगभग 10 साल से ।
उनकी मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले अभी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश है इसके अलावा संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल किया जाए जिससे कि उनकी जमीन संस्कृति और जनजातीय पहचान की रक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षा और अधिक स्वायत्तता मिलेगी साथ ही वो रोजगार में आरक्षण की भी मांग कर रहे हैं और लेह कारगिल को अलग अलग संसदीय क्षेत्र भी मिले इन मांगो को लेकर वहां के जलवायु कार्यकर्ता और नेता सोनम वांगचु ने भूख हड़ताल भी किया था मगर शांति बनी रहे है इसके लिए उन्होंने युवाओं से शांति की अपील करते हुए अपना भूख हड़ताल तोड़ दिया था ।
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा 2020 के चुनावो के समय बीजेपी की सरकार ने ही किया था अब सरकार कह रही है कि ut यानी कि केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूचि में शामिल नहीं किया जा सकता इसलिए लद्दाख के लोग अब लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं ।
अब किसी से भी वादा करके उसे पूरा न करना क्या ठीक है ? प्राण जाए पर वचन न जाए ऐसा रामायण में लिखा हैं मगर राममंदिर बनाने वाले लोग राम के पदचिन्हों पर चलने से इनकार कर रहे है कम से एक भी मांग को अगर मोदी सरकार पूरा कर देती तो शायद सोनम को गिरफ्तार करने की नौबत ही नहीं आती ।
फिलहाल हमारी केंद्र की सरकार अभी अपने ही बढ़ाए हुए जीएसटी को कम करके ऐसे ढोल पीट रही है जैसे उसे राहुल गांधी या कांग्रेस ने लागू किया था और इन्होंने उसे कम कर दिया हो साथ ही सरकार की अन्य मिनिस्ट्री उर्दू के शब्दों को हिंदी मीडिया में चलने पर किसी व्यक्ति के शिकायत पर ध्यान देकर हिन्दी चैनलों से जवाब तलब किया है।
इसके लिए उनके पास भरपूर समय भी है। इसके अलावा बोलने की आजादी पर किस तरह का कुठाराघात किया जा रहा है ये आपको पता ही होगा सोनम के ठीक प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले उनको गिरफ्तार कर लिया जाता है । इलेक्शन कमीशन के नियम बदले जा रहे है सीसीटीवी फुटेज कैसे न दी जाए सूचना के अधिकार को कैसे राइट टू प्राइवेसी या निजता या फिर नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर कुचल दिया जाए, कैसे विपक्ष के नेताओं को जेल में ठुस दिया जाए और जनता को बिहार में 10000 हजार रुपए की लॉलीपॉप देकर वोट बटोर लिया जाए अन्य राज्यों में भी लॉलीपॉप का खेल जारी है इन सबसे फुर्सत सरकार को जब मिलेगी तब सोनम वांगचु को भी सुन लेंगे।
24 सितम्बर को सिर्फ लेह लद्दाख में बीजेपी दफ्तर फूंके गए थे अगर भारतीय जनता पार्टी जल्द ही नहीं चेती तो पूरे देश का माहौल बिगड़ सकता है ।
देर लगती है लोगों को समझने में की मुझे मूर्ख बनाया जा रहा है मगर जैसे ही ये समझ में आएगा मेरे पास शब्द नहीं है कि क्या होगा इसलिए सरकार को असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए सोनम वांगचु की मांगों पर विचार करना चाहिए जिससे कि देश में सहिष्णुता बनी रहे ।
हिंसा को हम कभी भी समर्थन नहीं करते मगर असहिष्णुता का लेवल जब खतरे के निशान को पार करता है तो कुछ इसी तरह की तस्वीर सामने आती है । फिलहाल वांगचु पर सरकार ने NSA लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है उनकी NGO में FCRA यानी की विदेशी फंडिंग को लेकर अनिमित्याओ भी देखि गई है ऐसा सरकारी ajency का कहना है साथ ही लेह में हुई हिंसा के लिए भी वांगचु को जिम्मेदार ठहराया गया है मगर इससे पहले भी सरकार की एजेंसिया fcra violation को लेकर गलत साबित हो चुकी है उदाहरण के लिए news क्लिक को आप ले सकते हैं हालाकि मामला न्यायलय में लंबित है मगर हम अपने पुराने अनुभवो से यह कह सकते हैं की इसमें भी उन्हें क्लीन चिट दे दिया जाएगा . अन्य मामलों में भी आप केंद्र सरकार को बैकफुट पर देख सकते हैं जैसे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उन्हीं के कैबिनेट मंत्री सतेंद्र जैन को भी ले सकते हैं । इससे पहले दैनिक भास्कर समूह हो या फिर सोनू सूद हो या फिर हेमंत सोरेन हो ।
nsa का भी इलज़ाम इससे पहले कई मामलो में गलत साबित हुआ है इसका क्लास्सिक उदाहरण बिहार के youtuber मनीष कश्यप को आप ले सकते हैं इसलिए ये गिरफ्तारी भी कहीं बिहार बंद और अन्य पूर्व के मामलों की तरह मोदी सरकार पर बेक fire न कर जाए।
वहां के डीजीपी ने भी बयान दिया कि सोनम के संबंध पाकिस्तान से हैं जिसका की खंडन उनकी पत्नी गीतांजलि ने विभिन्न प्रेस कांफ्रेंस और इंटरव्यूज के जरिए किया है उनकी पत्नी ने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद है fcra वायलेशन को लेकर कहा कि हमें जो पैसे मिले हैं वो हमने रिसर्च ट्रांसफर के रूप में मिलें हैं हमारी 99 प्रतिशत लेन देन ऑनलाइन है उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि हमारे इंस्टीट्यूट को यूजीसी से मान्यता इसलिए नहीं मिली क्योंकि सोनम वांगचु छठी अनुसूची के डिमांड को लेकर अरे हैं । साथ ही अपेक्स बॉडी जो लद्दाख के आधिकारों के लिए आंदोलन कर रही थी उन्होंने भी हालात सुधरने तक केंद्र सरकार से बात चित को स्थगित कर दिया है एपेक्स बॉडी के चेयरमैन ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि युवाओं पर जो गोली चलाई गई वो किसके आदेश पर चलाई गई थी ? प्लेट गण और आंसू के गोले भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्यों नहीं छोड़े गए ? सीधा सीधा हमारे युवाओं पर गोली क्यों चलाई गई ?
फिलहाल लद्दाख में कर्फ्यू लगा हुआ है हालांकि अक्टूबर के शुरआत के साथ इसमें ढील दी गई इसके अलावा सोनम waangchu कि better हॉफ गीतांजलि ने दिल्ली में आकर मीडिया को संबोधित कर रही है कुछ क्लिप कटुए आधे अधूरे क्लिप के माध्यम से सोनम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं एक सैंपल हम आपको देते हैं अब आप ही बताइए कि सोनम इस क्लिप में देश को बचाने की बात कर रहे हैं या देश द्रोह की ? एक देश भक्त को कैसे देश द्रोही बताकर काल कोठडी में बंद कर दिया जाता है ये भी देश देख रहा है ।
सरकारी मीडिया के दलाल सुधीर चौधरी नाम ले रहा हु क्योंकि ये वही तिहाड का चौधरी है जो किसी जमाने में जी न्यूज पर बैठ कर सोनम के शान में कसीदे पढ़ता था आज मौसम बदला तो आप ने अपने तेवर बदल लिए गिरगिट को भी शर्म आ जाए ऐसे दलालों से किस तरह के कुतर्क डीडी न्यूज पर बैठ कर रहा हैं ये शख्स आप देख ही रहे होंगे , पूरा आईटी सेल सोनम को बदनाम करने में लगा है । सेना के पूर्व अफसर कह रहे हैं सोनम को देशद्रोही बताना लद्दाख के लोगों का अपमान है मगर सत्ता की हनक में कोई परवाह करे भी तो क्यों करें बाद बाकी रामायण में एक दोहा है जब नाज मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है ।
वांगचु की गिरफ्तारी मरे हुए विवेक और भ्रष्ट बुद्धि को प्रदर्शित कर रही है मेरे विचार से ध्यान रहे ये ओपिनियन है जो फैक्ट पर आधारित है अब मुझे जो दिखता है और जो भूतकाल में इस सरकार ने किया है उससे तो यही प्रतीत होता है कि सोनम को एक कॉन्सपिरेसी के तहत फसाया जा रहा है सरकार सरकारी ajency की आड़ लेकर कह देती है की वो अपना काम कर रहें है मगर देश किसके इशारे पर चल रहा है ये हम सबको खूब पता है फिलहाल उनकी पत्नी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है लदाख में रिपोर्टिंग पर प्रतिबन्ध है साथ ही ब्रॉडबैंड के माध्यम से इन्टरनेट का उपयोग संभव है मगर मोबाइल इन्टरनेट बंद है इसके अलावा sonam वांगचु ने जेल से सन्देश भी दिया था की वो तब तक जेल से बाहर नही आयेंगे जब तक की 4 लोग जो मारे गये लदाख हिंसा में उसपर निष्पक्ष जांच नही होती साथ ही सोमवार 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने sonam waangchu को कोई रिलीफ तो नही दिया है मगर sonam वांगचु के परिवार को गिरफ्तारी का कारण बताने का निर्देश दिया है साथ ही केंद्र सरकार को भी इस मामले में जबाब तलब किया है अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी यानी की 14 अक्टूबर को मतलब कल ही अगली सुनवाई है इस मामले में जो भी अपडेट होगा हम आपको बाताते रहेंगे. बाद बाकी आप क्या सोचते हैं इस विषय में हमें कमेंट करके बताए खैर ये सब छोडिये आपको दिवाली भी मनाना होगा दसहरा के बाद तो मेरे पीछे कुछ लाइट्स आप देख रहें होंगे ये लाइट्स आप मंगवाइये लिंक हमने description में दे दिया है लाइट मंगवाकर स्वदेशी का नारा बुलंद की कीजिये धन्यवाद
“जब सत्ता सवालों से डरने लगे तो लोकतंत्र खतरे में होता है।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर आपका क्या कहना है?
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