📅 दिनांक: बुधवार, 2 जुलाई 2025
📍 स्थान: मुंबई / पटना
रिपोर्ट:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार (2 जुलाई, 2025) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना की। श्री पाल ने तेजस्वी यादव पर बिहार की जनता को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले “गुमराह करने” का आरोप लगाया।
यह बयान मुंबई में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सामने आया, जिसमें श्री पाल ने तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने वक्फ अधिनियम को “डस्टबिन में फेंकने” की बात कही थी। यह घोषणा तेजस्वी ने हाल ही में पटना के गांधी मैदान में ‘सेव वक्फ, सेव संविधान’ रैली के दौरान की थी।
🗣️ “मुस्लिम वोट बैंक को साधने की होड़”
जगदंबिका पाल ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच मुस्लिम वोट बैंक को साधने की एक राजनीतिक होड़ चल रही है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और कांग्रेस समेत विपक्षी दल मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक और सामाजिक विकास हेतु सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियों से अनुमानतः ₹12,000 करोड़ वार्षिक राजस्व उत्पन्न हो सकता है, लेकिन वर्तमान में मात्र ₹163 करोड़ ही प्राप्त हो रहा है। इसका सीधा मतलब है कि यह संपत्तियां अपने वास्तविक लाभार्थियों — गरीब, विधवा, जरूरतमंद मुस्लिमों — तक नहीं पहुंच रही हैं।
🔍 संशोधन की आवश्यकता और पारदर्शिता
श्री पाल ने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम का मकसद इन संपत्तियों का पारदर्शी तरीके से प्रबंधन करना है। उन्होंने कांग्रेस, RJD और AIMIM को चुनौती दी कि वे अधिनियम में वह प्रावधान दिखाएं जो मुसलमानों की जमीन गैर-मुस्लिमों को हस्तांतरित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ संपत्तियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया गया है और यह जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के पोर्टल पर उपलब्ध है।
⚖️ “संविधान के अपमान का प्रयास”
जगदंबिका पाल ने तेजस्वी यादव की “डस्टबिन” टिप्पणी को संविधान का अपमान करार दिया और कहा कि ऐसे बयानों से समाज में गलत संदेश जाता है। उन्होंने कहा, “देश संविधान और कानून से चलता है, अगर किसी को आपत्ति है तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों ने वक्फ संशोधन को स्वीकार कर लिया है, सिर्फ पश्चिम बंगाल में अभी विरोध है, जहां उन्होंने “राज्य प्रायोजित हिंसा” का आरोप लगाया।