केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मोदी सरकार के द्वारा जातीय जनगणना को कैबिनेट कमेटी ऑफ राजनीतिक अफेयर्स के द्वारा मंजूरी दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ जातीय जनगणना को लेकर अब तक राजनीति करने का काम कर रही थी लेकिन मोदी सरकार हर फैसला लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखकर करती है।
कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गयी। पिछली सरकारों ने अपने निजी स्वार्थ और अपनी सत्ता को बचाने के लिए, जाति से जुडी संवेदनाओं का गलत उपयोग किया, कितने ही सालों तक ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण से समाज में अलगाव का ज़हर मिलाया।
प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सामाजिक गणना का निर्णय लिया है उससे ध्रुवीकरण नहीं बल्कि नीति परिवर्तन सुनिश्चित होगा । यह जवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित निर्णय है – राजनीतिक नौटंकी के बिना ऐतिहासिक असंतुलन को ठीक करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
कईं दशकों तक, जन सेवा के लिए योजनाएँ, अनुमानों और पुरानी मान्यताओं पर आधारित थीं। जाति की सटीक एक प्रामाणिक गिनती से नीति निर्माताओं को देश का सटीक सामाजिक मानचित्र मिलेगा। इस से सुनिश्चित होगा कि विकास एवं समृद्धि वहाँ पहुँचे जहाँ इसकी वास्तव में आवश्यकता है। यह जाति की राजनीति नहीं, यह सुशासन के लिए आधारभूत नींव है।
इससे हमारा समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से और भी मजबूत होगा और देश की भी प्रगति निर्बाध होती रहेगी। यह अब सिर्फ़ चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि नीति निर्माण का आधार बनेगा। अब तक जाति पर भाषण होते थे, अब आंकड़ों पर काम होगा ी यह जनगणना देश के उन करोड़ों लोगों को मुख्यधारा में लाने का माध्यम बनेगा जो दशकों से नज़रअंदाज़ रहे। न्याय की पहली शर्त है सच्चाई को जानना, और जातिगत आंकड़े उसी सच्चाई की तस्वीर है. ये जाति गणना नहीं, सामाजिक न्याय की नीव है।