Union Budget 2023: वेतनभोगी पेशेवरों की क्‍या हैं उम्‍मीदें?


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2023 पेश करेंगी। बजट से राहत की उम्मीद कर रहे करदाताओं में वेतनभोगी पेशेवर हैं।

आयकर विभाग के अनुसार, 2022 में दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) का लगभग 50 प्रतिशत वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा भरा गया था। इन करदाताओं को उम्मीद है कि बजट 2023 स्वास्थ्य सेवा और सेवानिवृत्ति के बाद के साथ-साथ महामारी के बाद के युग में किफायती आवास में दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।

विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि सरकार हाथ में डिस्पोजेबल आय बढ़ाने के लिए रोजगार और कर आधार का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

बजट 2023 से वेतनभोगी कर्मचारियों की प्रमुख उम्मीदों पर एक नजर:

टैक्स स्लैब

करदाता मौजूदा टैक्स स्लैब की बुनियादी छूट सीमा के साथ उम्मीद कर रहे हैं 2.5 लाख की आय बढ़ाई जाएगी बढ़ती महंगाई और रहने की लागत को ध्यान में रखते हुए पुरानी और नई कर व्यवस्था के तहत 5 लाख। की सीमा 2014-15 से 2.5 लाख अपरिवर्तित रहे हैं। अधिक सरलीकृत प्रणाली के लिए दोनों शासनों को भी एकीकृत किया जा सकता है।

घर खरीदारों के लिए टैक्स छूट की सीमा

होमबॉयर्स अब तक की वार्षिक कटौती का दावा कर सकते हैं हाउसिंग लोन EMI u/s 24b और तक के ब्याज पर भुगतान किए गए ब्याज पर 2 लाख ऋण पर भुगतान की गई मूल राशि के लिए धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख। वेतनभोगी वर्ग 24बी की सीमा को बढ़ाए जाने की उम्मीद कर रहा है 5 लाख और धारा 80C की सीमा 3 लाख।

व्यक्तिगत ऋण पर छूट

व्यक्तिगत ऋण लेने वालों के लिए प्रोत्साहन की उम्मीद है क्योंकि वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत शिक्षा ऋण पर ब्याज पर केवल छूट की सीमा मौजूद है।

समान पूंजीगत लाभ कराधान

बजट 2023 में पूंजीगत लाभ के लिए एक समान कर संरचना का अनुमान है। निवेश, बचत और धन-निर्माण को बढ़ाने के लिए, डिस्पोजेबल आय बढ़ाने के लिए कार्ड पर अधिक प्रोत्साहन और छूट हो सकती है।

टैलेंटऑनलीज के संस्थापक दया प्रकाश ने मिंट को बताया कि वेतनभोगी करदाता वर्क-फ्रॉम-होम युग को ध्यान में रखते हुए सुपरएनुएशन, मैटरनिटी पोस्ट-रिटायरमेंट और हाउसिंग रेंट में लाभ की उम्मीद कर रहे हैं। की वर्तमान धारा 80C कटौती की सीमा 1.5 लाख भी बढ़ सकता है।


By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *