हसन
तरिकेरे तालुक के रागीबसवनहल्ली में शनिवार रात एक जंगली हाथी ने एक किसान को कुचल कर मार डाला। खड़ी फसल की रखवाली करने के लिए अपने खेत में गए 65 वर्षीय इरप्पा की मौत हो गई। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है।
इरप्पा रविवार सुबह मृत पाए गए थे। उन्होंने अपने खेत में सुपारी और रागी की खेती की। वह अपने रागी को जंगली सूअरों से बचाने के लिए खेत पर अपनी फूस की झोंपड़ी में सोता था।
घटना के लिए गांव के लोगों व परिजनों ने वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सरकार से हाथी के खतरे को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए उपाय करने की मांग की।
पोस्टमॉर्टम के बाद उनके शव को परिवार को सौंप दिया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि उन्हें सरकार से 15 लाख रुपये की राहत मिलेगी।
पिछले महीने मुदिगेरे तालुक में एक महिला को हाथी ने मार डाला था। पड़ोसी हसन जिले में हाथियों के कारण मौत की घटनाएं हुई हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में मानव-हाथी संघर्ष को संभालने के लिए हासन, चिक्कमगलुरु, कोडागु और मैसूरु जिलों में टास्क फोर्स का गठन किया है।