पीटीआई | | सिंह राहुल सुनील कुमार द्वारा पोस्ट किया गया
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी है।
11 महीने में ऐसा पहली बार हुआ है कि खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 4 (+/- 2) फीसदी के टॉलरेंस बैंड में आ गई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 4.67 फीसदी रही, जो पिछले महीने 7.01 फीसदी थी।
जनवरी से रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की ऊपरी सहिष्णुता सीमा से ऊपर रहने के बाद, खुदरा मुद्रास्फीति 11 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही।
रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते कहा था कि महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया है, लेकिन महंगाई के खिलाफ लड़ाई में आत्मसंतोष की कोई गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह ‘अर्जुन की नजर’ (गहन ध्यान) विकसित मुद्रास्फीति गतिशीलता और अगले 12 महीनों के लिए अनुमानित मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से ऊपर रहने पर रखेगा।
आरबीआई के ब्याज दर-सेटिंग पैनल ने पिछले हफ्ते बेंचमार्क दर को 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया, जिससे मई 2022 से संचयी दर में 2.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।