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मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) घोटाले से तिलमिलाए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को सार्वजनिक धन की हेराफेरी करने के लिए नापाक गतिविधियों में लिप्त भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की।

यहां सरकारी कर्मचारियों के लिए सतत विकास लक्ष्यों पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, श्री विजयन ने कहा कि सरकार सार्वजनिक धन की हेराफेरी करने वाले या रिश्वत की मांग करने वाले और समय पर सेवाएं देने में विफल रहने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

सरकारी कर्मचारियों से अपने रैंक के भीतर ऐसे धोखेबाजों को बेनकाब करने का आग्रह करते हुए, उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी और विकास परियोजनाओं के माध्यम से अवैध लाभ प्राप्त करने के प्रयासों के प्रति भी आगाह किया।

उन्होंने कहा कि इस तरह की नापाक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की है।

सीएमडीआरएफ घोटाले का परोक्ष संदर्भ सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) द्वारा राहत कोष के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के सबूतों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आया था। जांच ने राजस्व अधिकारियों, सरकारी डॉक्टरों और निजी एजेंटों के चौंकाने वाले गठजोड़ को उजागर किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगीकरण और नवाचार राज्य के विकास की कुंजी हैं। सरकार ने बड़े पैमाने पर औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ-साथ छोटे, मध्यम और स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

उन्होंने बताया कि सरकार ने एक साल के भीतर एक लाख उद्यम शुरू करने के अपने लक्ष्य को पार कर लिया है। 11 महीनों के भीतर लगभग 1.33 लाख उद्यम पहले ही सरकार के पास पंजीकृत हो चुके थे। उन्होंने परमिट जारी करने सहित सेवाओं में तेजी लाकर सरकारी कर्मचारियों से प्रशासनिक व्यवस्था के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।

श्री विजयन ने राज्य में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए अपनाए गए उपायों पर भी जोर दिया। स्टार्ट-अप प्रोत्साहन नीति का उद्देश्य नवाचारों को उत्पादों में परिवर्तित करना है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य सचिव वीपी जॉय ने की। कार्यक्रम क्रियान्वयन मूल्यांकन एवं अनुश्रवण विभाग के अपर मुख्य सचिव पुनीत कुमार व निदेशक जी. प्रियंका ने विचार व्यक्त किये.

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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