बनारस, सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार सिंह को को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सम्मान 2022 से सम्मानित किया है।
दीदीजी फाउंडेशन ने हाल ही में राजधानी पटना में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सम्मान का आयोजन किया था, जिसमें अलग-अलग विधाओं में निपुण 51 शिक्षकों को सम्मानित किया गया था। श्री अरूण कुमार सिंह किन्ही कारणों से इस सम्मान समारोह में सम्मलित नहीं हो पाये थे। दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने श्री सिंह को बनारस स्थित काशी हिंदी विश्वविधालय के कुलसचिव कार्यालय में जाकर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर
दीदीजी फाउंडेशन बनारस की अध्यक्ष सुकेशी शंकर सिन्हा और दीदीजी फाउंडेशन के संरक्षक डा. अनिल कुमार भी मौजूद थे।डा. नम्रता आनंद ने श्री सिंह को मोमेंटो,सटिफिकेट और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। श्री सिंह ने यह सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि दीदीजी फांउडेशन के बैनर तले शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े काम किये जा रहे है। डा. नम्रता आनंद इसके लिये बधाई की हकदार हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार बचपन से ही मेधावी छात्र रहे है।उन्होंने बिहार के नेत्रहाट विद्यालय से दसवीं बारहवीं की शिक्षा प्राप्त कर ऑनर्स पटना यूनिवसिर्टी से तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए किया था। अरुण कुमार सिंह मिथिलांचल क्षेत्र के निवासी रहैं।भूगोल विषय पर उनकीअद्यतन पकड़ शुरू से ही रही है। वह भारत के पद आसीन भूगोलवेत्ता माने जाते हैं। उन्हें यह सम्मान उनकी शिक्षा के प्रति समर्पण ईमानदारी तथा अद्यतन स्थिति के कारण दी गई है। श्री सिंह करीब तीन दशक से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे है। निष्ठा, ईमानदारी से काम करना डॉ. अरुण कुमार सिंह के जीवन का मुख्य उद्देश्य रहा है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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