31. श्री भग्वानुवाचः 31 वा श्लोक अध्याय 2 का 39 वा श्लोक #श्रीमद_भगवद_गीता_अध्याय_2_39



श्री भग्वानुवाचः 31 वा श्लोक अध्याय 2 का 39 वा श्लोक

हे पार्थ ये बुद्धि तेरे लिए ज्ञान योग के विषय मे कहीं गई है , और अब तू इसको कर्मयोग के विषय में सुन

दोस्तों अब कृष्ण कर्मयोग के बारे में बता रहें हैं जिससे कर्मो के बंधन को तोड़ा जा सके, नष्ट किया जा सके ज्ञान सोचने और समझने की बात है और कर्म व्यवहारिक यानी प्रैक्टिकल सच्चाई दोनों तरीके हैं , अपने गंतव्य , मंजिल या डेस्टिनेशन पर पहुचने के
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By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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