तमिलनाडु उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Tamil Nadu Consumer Disputes Redressal Commission) ने Volkswagen को एक Audi Q7 मालिक को 60 लाख रुपये लौटाने का आदेश दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, SUV मालिक की 2009 मॉडल Audi Q7 में 2014 से बार-बार ब्रेक से संबंधित समस्या आ रही थी। कई शिकायतों के बाद भी जब ऑडी इस समस्या को सुलझाने में विफल रही, तो आखिर में Q7 मालिक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

Economic Times की रिपोर्ट (Via TOI) अनुसार, तमिलनाडु उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने Volkswagen ग्रुप को Q7 मालिक को 60 लाख रुपये की पूरी खरीद लागत के साथ-साथ मामले की लागत के 25,000 रुपये वापस करने का निर्देश दिया है। कल्लाकारुची में एक निकट-चूक दुर्घटना के बाद पता चला था कि कार में ‘ब्रेक सिस्टम फेलियर’ की समस्या थी, जिसे सर्विस सेंटर ने कथित तौर पर ठीक कर दिया था।

हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि Audi Q7 3.0 TDI Quattro के मालिक ने 2.4 लाख रुपये में सर्विस कराने के बाद भी ब्रेक से संबंधित समस्याओं का सामना करना जारी रखा। बार-बार शिकायत करने और कंपनी द्वारा समस्या का समाधान करने में विफल रहने के बाद, मालिक ने 30 रुपये अल्फा मुआवजे और वाहन को बदलने के लिए आयोग से संपर्क किया। 

रिपोर्ट आगे बताती है कि खरीदे जाने के बाद से यह कार केवल 42,036 किमी चली थी और इसे खराब तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसके आधार पर, वकीलों ने तर्क दिया कि समस्या अंतर्निहित थी।

इस बीच, कंपनी और डीलरशिप ने ब्रेक फेल होने की कथित घटना से इनकार किया और समस्या के मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट होने की बात से इंकार किया। फिर भी, बेंच ने Volkswagen ग्रुप के खिलाफ फैसला लेते हुए बड़ी लैटाने का आदेश दिया।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *