रविवार को खेला गया फाइनल मुकाबला बेहद दिलचस्प था। अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर खिताब अपने नाम किया। 1986 के बाद अर्जेंटीना की यह पहली जीत थी। मैच के तय समय तक दोनों टीमें 2-2 गोल करके बराबरी पर रहीं। फिर एक्स्ट्रा टाइम में 3-3 गोल करके मुकाबला बराबरी का रहा। आखिरकार पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ और अर्जेंटीना ने जीत दर्ज की।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 11 करोड़ से ज्यादा दर्शकों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव मैच देखा। इसमें भारत से सबसे ज्यादा दर्शक थे। इस तरह भारत फीफा वर्ल्ड कप के लिए सबसे ज्यादा डिजिटल दर्शकों का एक मार्केट बन गया। खास बात यह है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप ऐसा टूर्नामेंट था, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। इसके बावजूद भारतीय दर्शकों की फुटबॉल देखने में दिलचस्पी जबरदस्त रही।
हालांकि इस इवेंट की शुरुआत में दर्शकों को जियो सिनेमा के साथ तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बफरिंग के चलते भारतीय फैंस के लिए ओपनिंग सेरेमनी स्ट्रीम करना मुश्किल हो गया था। यूजर्स ने खराब स्ट्रीमिंग देने के लिए ट्विटर पर खूब आलोचना भी की थी। बाद के मैचों में कोई बफरिंग प्रॉब्लम सामने नहीं आई और लोगों ने जमकर मैचों को लुत्फ उठाया। यही वजह है कि फाइनल मुकाबले में 3.2 करोड़ दर्शकों का रिकॉर्ड बन पाया।
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