अपने पालतू जानवर के साथ लंबा सफर करने का मन सभी लोगों का करता होगा, लेकिन दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड पर अपने कुत्ते के साथ जाने का विचार शायद ही किसी के दिमाग में आया हो। इतना ही नहीं, यदि कोई बोले की आपको अपने पालतू कुत्ते के साथ मोटरसाइकिल में लंबी यात्रा करनी है, तो आप सोचने में एक सेकंड गंवाए मना कर देंगे। लेकिन ऐसा एक भारतीय ने किया है, जो अपने पालतू कुत्ते के साथ लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क की यात्रा कर रहा है। 

Chow Sureng Rajkonwar नाम के एक शख्स ने one_crazy_guy नाम से अपने Instagram अकाउंट पर कई वीडियो और फोटो शेयर किए हैं, जो अब जमकर वायरल हो रहे हैं। दरअसल, चाउ और उनका पालतू कुत्ता बेला (Bella) एक साथ एक मोटरसाइकिल पर लद्दाख की वादियों का मजा ले रहे हैं। उन्होंने एक साथ दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड की यात्रा भी की।
 

इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “45 सेकेंड में हमारी जांस्कर और लद्दाख की कहानी।” कई क्लिप्स से बना यह वीडियो चाउ के साथ शुरू होता है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली से लद्दाख तक एक कुत्ते के साथ सवारी करना एक आसान निर्णय नहीं था, क्योंकि इसमें बेला के लिए एक अनुकूलित सीट बनवाना था, उसे यात्रा के लिए ट्रेनिंग देनी थी और उसका सामान पैक करना था। 

वीडियो में चाउ और बेला मोटरसाइकिल में बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों पर सवारी करते हुए देखे जा सकते हैं। इन्होंने जांस्कर और लद्दाख सर्किट को पूरा किया, जहां इन्होंने नदियों को भी पार किया। इस दौरान बेला पीछे स्पेशल तौर पर बनाई अपनी सीट पर आराम से बैठी दिखाई दे रही थी। अंत में, दोनों ने दुनिया की सबसे ऊंची मोटरबेल उमलिंग ला पर भारतीय ध्वज के साथ तस्वीरें ली। रास्ते में उन दोनों के साथ कई लोगों ने तस्वीरें खिंचवाई।

16 नवंबर को शेयर किए गए इस वीडियो को खबर लिखते समय तक 1.4 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। वीडियो को 2.4 लाख से ज्यादा लाइक्स और हजारों कमेंट्स भी मिल चुके हैं।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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