सावधान! पॉपुलर AI टूल

Apple के ऐप स्टोर (App Store) पर कथित तौर पर एक अनऑफिशियल ChatGPT ऐप ट्रेंड कर रहा है। ChatGPT एक फ्री-फॉर-ऑल AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल है, जो वेब पर दुनिया भर के यूजर्स के लिए उपलब्ध है। हालांकि, वेब-आधारित AI चैटबॉट का एक अनौपचारिक ऐप वर्जन ऐप्पल ऐप स्टोर पर ट्रेंड कर रहा है। ऐप, जिसका नाम “ChatGPT Chat GPT AI with GPT-3” है, Apple यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फीस भी ले रहा है, जबकि OpenAI के लोकप्रिय चैटबॉट सॉफ्टवेयर की तरह काम करने का दावा करता है, जो यूजर्स के संकेतों के आधार पर मानव-जैसी बातचीत की नकल करने के लिए डिजाइन किया गया है।

MacRumors की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अनऑफिशियल ऐप Apple के App Store पर उपलब्ध है, जो OpenAI के ChatGPT का ऐप वर्जन होने का दावा करता है, जो कि वेब पर उपलब्ध एक फ्री-फॉर-ऑल टेक्स्ट-आधारित AI टूल है। OpenAI द्वारा विकसित मूल मॉडल GPT-3 पर आधारित है और वर्तमान में इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अगले सबसे बड़े इनोवेशन के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, ट्रेंडिंग ऐप का नाम ‘ChatGPT Chat GPT AI with GPT-3’ है, और इसका ChatGPT के डेवलपर्स के साथ कोई संबंध नहीं है। ऐप स्टोर पर इस ऐप को कई बार डाउनलोड किया जा चुका है और यह ट्रेडिंग ऐप्स में भी शामिल हो चुका है।

रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध ChatGPT ऐप यूजर्स से साप्ताहिक सब्सक्रिप्शन के लिए $7.99 (लगभग 650 रुपये), या वार्षिक सदस्यता के लिए $49.99 (लगभग 4,100 रुपये) लए जा रहे हैं, जबकि असली OpenAI की ChatGPT AI तकनीक इस्तेमाल के लिए बिल्कुल फ्री है।

ChatGPT वर्तमान में केवल वेब पर उपलब्ध है। हालांकि, जिस तकनीक पर चैटबॉट आधारित है, वह OpenAI द्वारा विकसित GPT-3 है, जिसमें चैटबॉट्स, भाषा अनुवाद, और बहुत से अन्य अनुप्रयोगों की एक बड़ी रेंज से जुड़े ऐप्स ऐप और सर्विस देखी गई हैं।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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