Indian Idol 13 :  इंडियन आइडल 13 में अपनी आवाज से प्रभावित करने वालीं एक कंटेस्टेंट बाहर हो गई हैं। इंडियल आइडल शो इन दिनों लोगों का खूब मनोरंजन कर रहा है। शो में सभी प्रतियोगी अपनी आवाज, गीतों से जजों और ऑडियंस का जमकर मनोरंजन कर रहे हैं। हाल ही में शो में निर्माता-निर्देशक सुभाष घई भी आए थे। सभी ने उनकी फिल्मों के गाने गाए, जिससे सुभाष घई काफी प्रभावित दिखाई दिए। हालांकि इस रविवार एक कंटेस्टेंट का सफर इस शो से खत्म हो गया।

रुपम भरनारिया का सफर खत्म

शो में मौजूद सभी 12 कंटेस्टेंट ने दमदार परफॉरमेंस दी। सभी ने शो के जजों हिमेश रेशमिया, नेहा कक्कड़ और विशाल ददलानी को अपना आवाज से हैरान कर दिया। शो में आए गेस्ट सुभाष घई ने भी उनकी आवाज की खूब तारीफ की। लेकिन 12 कंटेस्टेंट में से एक रुपम भरनारिया का सफर कल इस शो से खत्म हो गया। रुपम को सबसे कम वोट मिलने के कारण शो छोड़कर जाना पड़ा।

शो को मिले 11 टॉप कंटेस्टेंट

बीते एपिसोड में अनुष्का पात्रा, रुपम भरनारिया और चिराग कोतवाल बॉटम 3 में शामिल थे। लेकिन रुपम को सबसे कम वोट मिले। इस कारण उन्हें शो से घर जाना पड़ा। अब इस शो में कुल 11 कंटेस्टेंट रह गए हैं। इनमें नवदीव वडाली, शिवम सिंह, ऋषि सिंह, विनीत सिंह, चिराग कोतवाल, सेंजुती दास, अनुप्का पात्रा, देवोष्मिता रॉय, काप्या लिमये, सोनाक्षी और बिदिप्ता चक्रवर्ती के नाम शामिल हैं।

सुभाष घई ने सुनाए किस्से

इंडियन आइडल 13 के सेट पर आए निर्माता-न‍िर्देशक सुभाष घई ने जजों और कंटेस्टेंट के साथ अपनी फिल्मों से जुड़े कई इंटेस्टिंग किस्से बताए। साथ ही उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उनकी प्रोडक्शन हाउस मुक्ता का नाम उनकी पत्नी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कई बड़े स्टार्स के साथ काम करने के अनुभवों को भी शेयर किया।

 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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