Huawei ने समुद्र में 5G नेटवर्क देने के लिए शुरू किया

Huawei और Guangdong Unicom के 5G “डिजिटल फिशिंग बोट” प्रोजेक्ट ने हाल ही में 2023 GSMA “5G प्रोडक्टिविटी चैलेंज अवॉर्ड” जीता। इस प्रोजेक्ट में दोनों कंपनियां मिलकर समुद्र में काम करने वाले लोगों के लिए कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए फिशिंग बोट्स पर 5G नेटवर्किंग गियर लगा रही है। प्रोजेक्ट दावा करता है कि इसके जरिए मिलने वाली कनेक्टिविटी से समुद्र में काम करने वाले हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ-साथ क्लाउड कंप्यूटिंग, IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स), Beidou पोजिशनिंग तकनीक तक पहुंच प्राप्त करेंगे।

Huawei ने जानकारी दी है कि Digital Fishing Boat प्रोजेक्ट के जरिए मछली पकड़ने वाली बोट्स समुद्र में डायनामिक मौसम की निगरानी करने में सक्षम होंगी। नौकाएं 5G MetaAAU अल्ट्रा लार्ज स्केल एंटीना ऐरे के साथ आएंगी, जो 3.5G फ्रीक्वेंसी बैंड के अपने बड़े बैंडविड्थ से विभिन्न लाभ प्रदान करती हैं। 

यह भी बताया गया है कि यह समुद्र में 61 किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थिर 60 Mbps डाउनलोड स्पीड और 2 Mbps अपलोड स्पीड भी बनाए रख सकता है।

ये नई डिजिटल फिशिंग बोट मछुआरों को समाचार के जरिए अप टू डेट रहने, मौसम की लेटेस्ट जानकारी प्राप्त करने और यहां तक ​​कि अपने परिवारों को हाई डेफिनिशन वीडियो कॉल करने का फायदा भी देगी। कंपनी का कहना है कि इसके जरिए मछुआरों को पानी में रहते हुए आपातकालीन सहायता प्राप्त करने के लिए वन क्लिक ऐप के जरिए मदद मांगने का फायदा भी मिलेगा।

GSMA जज और प्रिंगल मीडिया के एक वरिष्ठ विश्लेषक डेविड प्रिंगल ने कहा, “यांगजियांग शहर, ग्वांगडोंग प्रांत में 450 किलोमीटर से अधिक समुद्र तट पर, 5जी मछुआरों के जीवन को पूरी तरह से बदल रहा है, जिससे उन्हें मौसम की स्थिति से अवगत रहने और अपने परिवार के साथ जुड़े रहने में मदद मिलती है। ग्वांगडोंग यूनिकॉम की डिजिटल फिशिंग बोट प्रणाली ने 4,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिए सेवाएं प्रदान की हैं, और यह टाइफून और अवैध मछली पकड़ने का संचालन के प्रभाव को कम करने के लिए स्थानीय मत्स्य प्रशासन की सहायता भी कर सकती है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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