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आजकल सोशल मीडिया पर एक चर्चा छिड़ी हुई है। मुद्दा है लिविंग रिलेशनशिप। कथा वाचक और कुछ कोर्ट के वकील कह रहे हैं कि यह बड़ा गलत है, यह पश्चिम से आया है और न जाने क्या-क्या। लेकिन जब हमने इसके ऊपर रिसर्च किया तो सबसे पहले हमने देवदत्त पटनायक की कुछ किताबें पढ़ीं, उनके कुछ इंटरव्यू देखे। फिर धर्म के जानकार और लेखक आचार्य आनंद कुमार से भी इस पर चर्चा की। तब मुझे बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य मिले।

वास्तव में, लिविंग रिलेशनशिप भारतीय संस्कृति की ही उपज है। महाभारत में आप देखेंगे कि भीम ने हिडिंबा से गंधर्व विवाह किया था। गंधर्व विवाह मतलब बिना पारिवारिक और सामाजिक अनुमति के, अग्नि को साक्षी मानकर किया गया विवाह। उसके बाद सेक्स को एक प्रकार का विवाह ही कहा गया है। और यह एक कॉन्ट्रैक्ट भी था, जिसमें भीम संतान उत्पत्ति के बाद हिडिंबा का साथ छोड़ देते हैं। हिडिंबा को घटोत्कच नामक पुत्र होता है। यहाँ पर लिविंग रिलेशनशिप और कॉन्ट्रैक्ट दोनों साथ-साथ चलते हैं।

दूसरा उदाहरण है शकुंतला और दुष्यंत का गंधर्व विवाह। अब जब किसी के सामने शादी हुई ही नहीं, कोई जानता ही नहीं कि यह शादी हुई कैसे, तो फिर क्या फर्क पड़ता है कि आपने अग्नि को साक्षी माना या नहीं। आपमें से कुछ लोग कहेंगे कि फिर भी शादी का नाम तो दिया जाता था। तो ये क्लिप आप देख लीजिए।

अब इस क्लिप में जो देवदत्त कह रहे हैं अगर वो सही है, तो हम तो लिविंग रिलेशनशिप से भी एक कदम आगे थे। इतिहास जब समाज के हिसाब से खुद को दोहराता है, तो हम कहते हैं कि बहुत बढ़िया। लेकिन वही इतिहास जब सामाजिक नियम से परे हटकर खुद को दोहराता है, तो हमें वह ठीक नहीं लगता। लेकिन इतिहास है — वह खुद को दोहराएगा ही, चाहे आपको ठीक लगे या न लगे।

बाकी हम गृहस्थ आदमी हैं, हमें लिविंग रिलेशनशिप बिल्कुल भी ठीक नहीं लगता। मगर इसका यह मतलब नहीं कि जिनको ठीक लगता है, वो गलत हैं या गलत कर रहे हैं। अपनी डफली, अपना राग।

बाकी बाबा लोग वही बोलते हैं, जिसे सुनकर लोग ताली पीटें और “राधे-राधे” करें। ऐसे में लोग इंडियन माइथोलॉजी को भूल जाते हैं।

अब आप इस पर क्या सोचते हैं, हमें कमेंट करके बताइए। अगर आप मेरे और आचार्य आनंद कुमार की चर्चा को सुनना चाहते हैं तो आप कमेंट में अपनी मांग रख सकते हैं। हम कॉल रिकॉर्डिंग आपसे साझा कर देंगे।

बाकी आप देवदत्त पटनायक का इंटरव्यू ललनटॉप पर भी देख सकते हैं, यूट्यूब पर मुफ्त में उपलब्ध है। उसको देखकर आपका नजरिया शायद और खुले और थोड़ा ज्ञान हो कि — बाबाओं और लोगों की बात मानें या फिर शास्त्रों में जो लिखा है उसे मानें। हम आखिर क्या मानें?

बाकी लिंक हमने वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दे दिया है। आप अगर यह वीडियो फेसबुक या इंस्टाग्राम पर देख रहे हैं तो लिंक के लिए मुझे DM करें, हम आपको उस इंटरव्यू का लिंक दे देंगे।

धन्यवाद।

 

Links: देव दत्त पटनायक का इंटरव्यू the Lallantop वाला

 

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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