(व्यंग्य)

लेखक: Aware News 24 व्यंग्य डेस्क

मुख्य चुनाव आयुक्त ने हाल ही में बड़ी ही गंभीरता से जनता को नसीहत दी।
बोले—
“जहाँ आप रहते हैं, वहीं वोट दीजिए। मकान कहां है, इससे कोई मतलब नहीं।”

बिल्कुल सही बात!
मतलब अगर आप नोएडा में फ्लैट खरीदे बैठे हैं लेकिन रह रहे हैं किराए के मकान में लखनऊ में, तो नोएडा में वोट मत दीजिए।
“मकान नहीं, स्थान देखिए।”

अब जनता ठिठक गई।
कुछ लोग सोच में पड़ गए कि उनका ‘ठिकाना’ क्या है—
जहाँ वो सोते हैं,
या जहाँ उनके कागज में पता दर्ज है?
या फिर जहाँ से ‘जुगाड़’ चलता है?

लेकिन असली घमासान तब मचा जब लोगों ने गूगल किया—
“भारत के प्रधानमंत्री कहाँ रहते हैं, कहाँ से चुनाव लड़ते हैं, और कहाँ वोट डालते हैं?”

नतीजा:

  • रहते हैं दिल्ली में।

  • चुनाव लड़ते हैं बनारस से।

  • वोट देते हैं अहमदाबाद में।

वाह!
इसको कहते हैं “ठिकाना बहुविकल्पीय लोकतंत्र”।

अब देश का गृह मंत्री देखिए—
वो भी दिल्ली में रहते हैं, लेकिन वोट गुजरात में देते हैं।
शायद गृह मंत्रालय की ‘गृह’ परिभाषा थोड़ी अलग हो।
गृह मतलब— “वोट जहां पड़े, वही घर माने।”

“जनता जनार्दन का स्थान निर्धारण”

आम जनता के लिए नियम अलग है—
“तुम्हें जहाँ रहते हो, वहीं वोट देना होगा।
वरना वोटर लिस्ट से नाम कटेगा, दोबारा कागज दौड़ाओ।”

नेताओं के लिए नियम अलग—
“तुम जहाँ चाहो वहां से लड़ो,
जहाँ चाहो वहां से वोट दो,
जहाँ चाहो वहां बसो।
देश तुम्हारा है!”

कहते हैं लोकतंत्र में सब बराबर होते हैं।
लेकिन कुछ “ज्यादा बराबर” भी होते हैं।

निष्कर्ष:

जनता को नसीहत देना बहुत आसान है।
जैसे डॉक्टर खुद मिठाई खाते-खाते मरीज को चीनी बंद करने की सलाह देता है।
वैसे ही नेता तीन पते रखते हैं—
रहने का अलग, लड़ने का अलग, और वोट डालने का अलग।
और फिर कहते हैं—
“ईमानदारी से लोकतंत्र निभाइए।”

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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