सऊदी फुटबॉल क्लब अल नस्सर को केरल में रातों-रात फैनबेस मिल गया क्योंकि रोनाल्डो के प्रशंसकों ने क्लब का समर्थन करने वाले व्हाट्सएप समूहों का प्रचार किया


विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि 2023-24 के वित्तीय वर्ष के लिए राज्यपाल के नीतिगत अभिभाषण में खाली खजाने, बढ़ते सार्वजनिक ऋण बोझ और विकासात्मक ठहराव की विशेषता केरल के गंभीर वित्तीय संकट पर प्रकाश डाला गया है।

एलडीएफ सरकार भी संविधान पर अन्य अतिचारों के बीच, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की राज्य विरोधी नीतियों और संघवाद पर इसके उल्लंघन की आलोचना करने से अलग हो गई। नीतिगत संबोधन ने केंद्र में भाजपा के साथ सीपीआई (एम) नेतृत्व के अपवित्र गठजोड़ को दर्शाया।

कमजोर वर्गों के लिए सरकार की कल्याणकारी सहायता रुक गई है। एक के लिए, केरल राज्य किसान ऋण राहत आयोग ने अपने लाभार्थियों को ₹400 करोड़ से अधिक का भुगतान किया।

कल्याण पेंशन बैकलॉग

धान की खेती करने वालों का बकाया खरीद बकाया में ₹ 200 करोड़ बकाया है। सरकार निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याणकारी पेंशन के बकाया को दूर करने में विफल रही है। सरकार ने अपने ऑफ-रिपीट, कई बार फिर से लॉन्च किए गए और बारहमासी नवजात “नवा केरल” कार्यक्रम के लिए निर्धारित ₹1,600 करोड़ में से केवल ₹48 करोड़ खर्च किए थे।

श्री सतीसन ने कहा कि सरकार वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए बैरल को बंद कर रही है। सरकारी ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत किए गए नागरिक कार्य बिलों का भुगतान करने के लिए यह घाटे में था। आस्थगित भुगतानों का बैकलॉग बढ़ता जा रहा था, जिसके परिणामस्वरूप विकासात्मक कार्य रुके हुए थे।

पुलिस की कार्यप्रणाली

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह दावा कर खुद का मजाक बनाया है कि केरल पुलिस दोषरहित पेशेवर है। जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आई। नियमित पुलिस व्यवस्था में सी पी आइ (एम) के हस्तक्षेप ने संगठित अपराध से लाभ उठाने वाले गुंडागर्दी अधिकारियों और गैंगस्टरों के लाभ के लिए काम किया था।

नीति के पते ने तटीय समुदाय को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया था। इसमें मछुआरों के पुनर्वास के लिए रोड मैप का अभाव था। पिछले बजट में मछुआरों के कल्याण के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए गए थे। प्रस्ताव कागज पर ही रह गए हैं, और सरकार ने अभी तक एक रुपया खर्च नहीं किया है।

नीतिगत संबोधन सामाजिक रूप से विघटनकारी और पर्यावरणीय रूप से खतरनाक सिल्वरलाइन (के-रेल) सेमी-हाई-स्पीड रेलवे परियोजना को लागू करने पर जोर देता है। इसने भविष्यवाणी की कि योजना को केंद्रीय मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा, “भले ही बीजेपी सिल्वरलाइन को मंजूरी दे दे, यूडीएफ लाखों परिवारों के आवास और आजीविका की कीमत पर इसके कार्यान्वयन का विरोध करेगा, जो विस्थापन और अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।”

असफलताओं पर पर्दा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को झूठ, झूठे दावों और आडंबरों की भरमार करवाई। सरकार ने छुपाया कि उसने विकास के मोर्चे पर कुछ भी दिखाए बिना ₹3.90 लाख करोड़ का कर्ज लिया था। इसने गलत तरीके से केंद्र को दोष देकर अपनी घोर विफलताओं पर से पर्दा उठाने का प्रयास किया।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *