मंत्री ने पंचमसाली कोटा पर संत द्वारा निर्धारित समय सीमा का विरोध किया


सीसी पाटिल | फोटो क्रेडिट: फाइल फोटो

लोक निर्माण मंत्री सीसी पाटिल, जो पंचमसाली-लिंगायत समुदाय से आते हैं, ने शुक्रवार को कहा कि पंचमसाली मठ के संत बसव जया मृत्युंजय स्वामी और भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल की ओर से सरकार से मांग करने के लिए 24 घंटे की समय सीमा निर्धारित करना उचित नहीं था। ओबीसी आरक्षण मैट्रिक्स की 2ए श्रेणी में समुदाय को शामिल करना।

‘90% काम हो गया’

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में, श्री पाटिल ने कहा कि सरकार ने आरक्षण कोटा कम नहीं किया है और किसी भी कानूनी जांच का सामना करने के लिए सभी तकनीकी और कानूनी मुद्दों पर गौर कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने पंचमसाली समुदाय के लिए आरक्षण प्रदान करने पर “90% काम” पूरा कर लिया है और वह शेष 10% काम की जांच कर रही है जिसमें कुछ तकनीकी मुद्दे शामिल हैं। श्री पाटिल ने कहा कि समुदाय के नेताओं और संतों को सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए और उनकी मांगों को पूरा होने तक धैर्य रखना चाहिए।

पंचमसाली आरक्षण आंदोलन समिति ने समुदाय को आरक्षण मैट्रिक्स की नई 2डी श्रेणी में शामिल करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। श्री यतनाल ने उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी को राज्य सरकार द्वारा समुदाय के लिए आरक्षण के पुनर्वर्गीकरण की घोषणा में देरी के लिए दोषी ठहराया।

‘कैश से कोई संबंध नहीं’

श्री पाटिल ने कहा कि उनके और विधान सौध के पश्चिमी गेट पर पीडब्ल्यूडी के एक जूनियर इंजीनियर से सुरक्षा कर्मियों द्वारा बरामद 10 लाख नकद के बीच कोई संबंध नहीं था। बुधवार को बेहिसाब नकदी ले जाते हुए अधिकारी को पकड़ा गया। अधिकारी, जे. जगदीश को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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