Kangana Ranaut :  कंगना रनौत इन दिनों अपनी फिल्म इमरजेंसी की शूटिंग में बिजी हैं। हाल ही में उन्‍होंने असम में हो रही फ‍िल्‍म की शूटिंग की फोटोज को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। उनके पोस्ट पर फैंस ढेर सारे कमेंट कर रहे हैं। कंगना आए दिन किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में छाई रहती हैं। इन दिनों वह अपनी अगली फिल्म इमरजेंसी को लेकर चर्चा में हैं। कंगना ने जो फोटो शेयर की हैं, उनमें कंगना और उनकी टीम का डेडिकेशन साफ दिखाई दे रहा है। 
 

तस्‍वीरों में क्‍या है खास? 

इमरजेंसी की इन तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा- इमरजेंसी असम शेड्यूल के कुछ बीटीएस। तस्‍वीरों को उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। लोग अपने कमेंट्स में एक्ट्रेस की खूब तारीफ कर रहे हैं। उनके एक फैंन ने लिखा, इमरजेंसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। एक अन्‍य यूजर ने लिखा कि यह फिल्म आने वाली ब्लॉकबस्टर होगी।
 

कंगना के इमरजेंसी लुक की चर्चा

कंगना की यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके द्वारा लगाई गई इमेरजेंसी पर आधारित बताई जाती है। वैसे तो कई और बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने अपनी फिल्मों में इंदिरा गांधी का रोल निभाया है, लेकिन कंगना की इमरजेंसी में उनके रोल का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। लोग देखना चाहते हैं कि इमरजेंसी में कंगना किस तरह का लुक लेकर हाजिर होती हैं। फिल्म की खास बात यह है कि इसका डायरेक्शन भी कंगना खुद ही कर रही हैं।
 

इमरजेंसी की कास्ट

रिपोर्ट्स की मानें तो कंगना की फ‍िल्‍म इमरजेंसी अगले साल 2023 में रिलीज की जाएगी। इसमें अनुपम खेर, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े और विशाक नायर अहम किरदार में नजर आएंगे। कंगना इस फिल्म का डायरेक्शन करने के साथ ही इसे अपने प्रोडक्शन हाउस मणि कर्णिका के बैनर तले रिलीज कर रही हैं।

 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *