तेजी से टेक्नोलॉजी को अपनाती दुनिया के लिए आज के समय में सबसे बड़ी समस्या डिजिटल प्राइवेसी है। स्मार्टफोन, लैपटॉप या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स आदि में अपना निजी डेटा रखने वालों को एक डर हमेशा सताता है और वो है डेटा लीक। किसी डिवाइस से प्राइवेट डेटा, जैसे फोटो, वीडियो या कोई कॉन्फिडेंशियल फाइल्स का लीक होना आज के समय में आम बात हो गई है। राज्यों या सभी देशों की साइबर पुलिस आए दिन लोगों को स्कैम, हैक या लीक से बचने की सलाह देते हैं और यही हम भी करने वाले हैं। हम आपको उन कुछ अहम पहलुओं को बता रहे हैं, जिनका ध्यान रख कर आप खुद को इस तरह के लीक्स से बचा सकते हैं।
 

अपने निजी डेटा को लीक होने से कैसे बचाएं?

How to secure your private data?

अकसर देखा गया है कि यूजर खुद की गलती की वजह से अपना नुकसान करते हैं। सोचें आपने किसी को अपनी कोई निजी फोटो, वीडियो या फाइल भेजी और उसने आपके प्राइवेट डेटा को आगे किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया। ऐसा अकसर देखने को मिलता है। वहीं, कुछ केस में ऐसा भी होता है कि आपका कोई नजदीकी भी आपके डेटा को लीक कर सकता है, क्योंकि भरोसे के कारण उसके पास आपका लॉक कोड होता है। 

यहां आप कई तरीके आजमा सकते हैं, जैसे अपने फोन के मुख्य लॉक कोड रखें और अंदर मौजूद ऐप्स, खासतौर पर गैलेरी और फाइल मैनेजर के लिए अलग लॉक कोड। कुछ डिवाइस निर्माता अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में इस फीचर को देते हैं, जहां आप मेन लॉक कोड के साथ-साथ अपने ऐप्स पर एक अलग लॉक कोड लगा सकते हैं। यदि आपके फोन में ऐसा नहीं है, तो आप थर्ड-पार्टी सिक्योरिटी ऐप को इंस्टॉल कर सकते हैं, लेकिन उस ऐप को इंस्टॉल करने से पहले ऐप स्टोर पर उसकी रेटिंग्स और रिव्यू को पढ़ना न भूलें।

इसके अलावा, ध्यान रखें कि आप अपने निजी डेटा को WhatsApp, Facebook Messenger, या इस तरह के अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स पर किसी को न भेजें। डेटा लीक का एक बड़ा कारण यह भी होता है, इसलिए हमेशा इससे बचने की कोशिश करें।

अगला पॉइंट यह है कि आप अपने डिवाइस में बिना जांचे किसी थर्ड-पार्टी ऐप को रखने से बचें, क्योंकि आज के समय में Android का Play Store कई ऐसे ऐप्स से भरा है, जो मैलेशियस ऐप्स हैं। आसान भाषा में कहें, तो इन ऐप्स में ऐसे एडवेयर, वायरस या मैलवेयर होते हैं, जो आपके फोन के बैकग्राउंड में रहते हुए आपका डेटा एक्सेस कर सकते हैं और साथ ही चोरी कर सकते हैं। ऐसे में, कोशिश करें कि आप अपने डिवाइस पर पॉपुलर और काम के ऐप्स ही रखें। यदि आप कोई एडिटिंग ऐप या किसी अन्य काम के लिए ऐप इंस्टॉल भी करना चाहते हैं, तो हमेशा उस ऐप को चुनें, जिसे बड़े पैमाने पर डाउनलोड किया गया है और साथ ही उसके रेटिंग्स और रिव्यू अच्छे हों।

यहां आपको एक बात का और ध्यान रखना होगा कि आप हमेशा बाहर से डाउनलोड करके APK फाइल्स को साइडलोड न करें। अकसर गेम्स के मॉड्स (Mods) और पेड ऐप के क्रैक्ड वर्जन ऑनलाइन APK के रूप में मिलते हैं और लोग पैसा बचाने के चक्कर में इन्हें इंस्टॉल कर लेते हैं। ऐसे ऐप्स आपके डिवाइस को बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये ऐप्स किसी व्यक्ति द्वारा कोडेड होते हैं, जो आपका डेटा चुराने के इरादे से ऐप्स को मॉडिफाई भी कर सकता है। इस तरह आपका निजी डेटा तो असुरक्षित होता है ही है, साथ ही आपकी फाइनेंशियल डिटेल्स भी खतरे में पड़ सकती है। यदि कोई ऐप प्ले स्टोर में नहीं है और आपको वो हर हाल में चाहिए, तो कोशिश करें कि आप उसका APK केवल ऐप की आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।

अगला महत्वपूर्ण पॉइंट है फिशिंग। कई बार हैकर्स या स्कैमर्स Email या SMS के जरिए गलत लिंक भेजते हैं, जिनपर क्लिक करने से आपके डिवाइस पर मैलवेयर भेजा जा सकता है। इन ईमेल या एसएमएस में ज्यादातर सेल, बंपर डिस्कउंट में प्रोडक्ट का मिलना, अच्छी जॉब या घर बैठे पैसा कमाने का आइडिया, या लॉटरी लगने जैसे लालच दिए जाते हैं। इस तरह के मैसेज या ईमेल को हमेशा नजरअंदाज करें और इनमें मिलने वाले लिंक या कॉन्टेक्ट डिटेल्स पर क्लिक या कॉल करने से बचें।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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