एस्‍टरॉयड्स (Asteroid) का पृथ्‍वी के करीब आना जारी है। एक के बाद एक ‘चट्टानी आफतें’ अंतरिक्ष में अपना सफर तय करते हुए हमारे ग्रह के करीब आ रही हैं। आज एक और एस्‍टरॉयड हमारे नजदीक आ रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि ‘एस्‍टरॉयड 2022 UV20′ आज पृथ्‍वी के करीब से गुजरेगा। यह, एस्‍टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप का हिस्सा है। सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में इसे लगभग 617 दिन लगते हैं। सूर्य से इसकी अधिकतम दूरी 28.8 करोड़ किलोमीटर और निकटतम दूरी 13.6 करोड़ किलोमीटर है।

जानकारी के अनुसार, एस्‍टरॉयड ‘2022 UV20′ की रफ्तार 30 हजार 303 किलोमीटर प्रति घंटा है। 64 फुट की स्‍पेस रॉक जब हमारे ग्रह के नजदीक पहुंचेगी, तब दोनों के बीच दूरी महज 29 लाख किलोमीटर रह जाएगी। हालांकि यह एस्‍टरॉयड हमारे लिए किसी तरह का खतरा नहीं बनने वाला, फ‍िर भी इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की कैटिगरी में रखा गया है। इसकी वजह दूरी है। यह हमारे ग्रह के काफी नजदीक से गुजर रहा है। 

हालांकि वैज्ञानिक इसे तब तक मॉनिटर करते रहेंगे, जब तक यह पृथ्‍वी से बहुत दूर नहीं चल जाता। ऐसा इसलिए क्‍योंकि एस्‍टरॉयड की दिशा में होने वाला बदलाव इसे पृथ्‍वी की ओर ला सकता है। एस्‍टरॉयड अगर पृथ्‍वी से टकरा जाए, तो धरती पर बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। माना जाता है कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का विनाश भी एक एस्‍टरॉयड के टकराने के कारण हुआ था। 

एस्‍टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं, उसी तरह एस्‍टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं। आज जो एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के नजदीक से गुजरने वाला है, उसकी खोज इसी साल हुई है। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से जो चट्टानी अवशेष बचे रहे गए, वही एस्‍टरॉयड हैं। 

ज्‍यादातर एस्‍टरॉयड एक मुख्‍य एस्‍टरॉयड बेल्‍ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्‍पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्‍टरॉयड का कुल द्रव्‍यमान पृथ्‍वी के चंद्रमा से कम है। 
 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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