Please Click on allow


प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकार के सवाल का जवाब देते उमर अकमल।© यूट्यूब

क्वेटा ग्लैडिएटर्स के बल्लेबाज उमर अकमल से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके टिकटॉक वीडियो और फिटनेस के बारे में सवाल किए जाने पर एक पत्रकार ने उन्हें चिढ़ा दिया। “हाल के दिनों में, ऐसा लगा कि आप टिकटॉक पर ज्यादा समय दे रहे हैं और अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आप अधिक वजन वाले हो रहे हैं। आप फिटनेस से दूर हो रहे थे,” पत्रकार ने आउट ऑफ पाकिस्तान बल्लेबाज के लिए कहा। अकमल ने कहा, “आपको किसने बताया कि मैं अक्सर टिकटॉक पर वीडियो अपलोड करता हूं? यह मेरी निजी जिंदगी है और यह सबके सामने है। बेहतर होगा कि आप इस तरह के सवाल पूछने से बचें।”

उन्होंने कहा, “फिटनेस आपके सामने है। मैं अकेला नहीं हूं। अगर आप अन्य खिलाड़ियों से इसके बारे में पूछेंगे तो वे भी इसका उसी तरह से जवाब देंगे।”

इसे यहां देखें:

राष्ट्रीय टीम में वापसी पर नजर गड़ाए उमर अकमल सोमवार से शुरू हो रहे पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के आगामी सत्र के दौरान चयन समिति को प्रभावित करने की उम्मीद करेंगे।

उमर 2009 में न्यूजीलैंड में अपने पहले टेस्ट में शतक के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिदृश्य पर उभरे।

उन्होंने अब तक 16 टेस्ट, 121 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और साथ ही 84 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। लेकिन 2014 में ट्रैफिक वार्डन के साथ हाथापाई के बाद गिरफ्तारी सहित अनुशासनात्मक समस्याओं से उनका करियर खराब हो गया।

इंग्लैंड में 2017 चैंपियंस ट्रॉफी से पहले फिटनेस टेस्ट में फेल होने के बाद बल्लेबाज को घर भी भेज दिया गया था और वर्षों से कई तरह के जुर्माने लगाए गए हैं।

दिन का विशेष रुप से प्रदर्शित वीडियो

कैपरी ग्लोबल WPL नीलामी से किसे चुनने की उम्मीद कर रही है?

इस लेख में उल्लिखित विषय

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *