पटना. आज टाटा मेमोरियल सेंटर और बिहार सरकार के बीच सचिवालय सभागार में समझौता ज्ञापन हुआ। जिसके मुख्य अतिथि माननीय श्री मंगल पांडेय ( स्वास्थ्य मंत्री, बिहार ) , श्री प्रत्यय अमृत ( अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग बिहार), डॉ पंकज चतुर्वेदी (उप निदेशक, टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई) और डॉ रविकांत सिंह (प्रभारी होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर) उपस्थित थे ।
जिसके मुख्य बातें निम्नलिखित है।
टाटा स्मारक केंद्र का कार्य –
1. बिहार सरकार के द्वारा श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के परिसर में प्रदान की गई 15 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण होगा, जिसकी लागत 300 करोड़ होगी। इस अस्पताल का नाम होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र होगा।

2. होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल होगा। जहां सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, रेडियोलॉजी पैथोलॉजी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव रसायन, निवारक ऑन्कोलॉजी और उपशामक चिकित्सा की सुविधा रहेगी। वहां फेलोशिप के जरिये एमएस/एमडी, एमसीएच, डीएम जैसे शिक्षण कार्यक्रम स्थापित होंगे।

3. यह अस्पताल टाटा मेमोरियल सेंटर, परमाणु ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा पूर्ण स्वायत्तता के साथ टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के समान चलाया जाएगा।

4. मुजफ्फरपुर क्षेत्र में जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री की स्थापना। बिहार सरकार की सहयोग से PBCR का दायरा बढ़ाया जाएगा।

5. बिहार में कैंसर देखभाल में सुधार के लिए राज्य सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।

6. टाटा मेमोरियल अस्पताल के आधारित चिकित्सा के समान बिहार राज्य के लिए मानक प्रबंधन दिशानिर्देश स्थापित करने में सहायता करेगी।

7. होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर को नेशनल कैंसर ग्रिड टाटा मेमोरियल सेंटर में एकीकृत किया गया है।

वही बिहार सरकार के द्वारा अस्पताल में संक्षिप्त प्रशिक्षण के लिए विभिन्न कोर्स से यूजी और पीजी करने के लिए एक आदेश करेगी। इस अस्पताल में डॉक्टर्स और नर्सों के लिए ऑन्कोलॉजी प्रशिक्षण की शुरुआत होगी। गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज करने के लिए अस्पताल को आर्थिक मदद प्रदान करना।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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