नवनिर्वाचित राजद पार्षदों से मुलाकात के दौरान बोलें नेता प्रतिपक्ष

पटना। बिहार विधान परिषद के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राजद के नवनिर्वाचित सभी 6 एमएलसी शुक्रवार को 10 सर्कुलर रोड राबड़ी आवास पहुंचे। विप में प्रतिपक्ष के नेता राबड़ी देवी सहित अन्य चार पार्षद पहले से मौजूद थे। नवनिर्वाचित सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की और चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने का सारा श्रेय तेजस्वी यादव को दिया। तेजस्वी यादव ने भी सभी नवनिर्वाचित विधान पार्षदों को जीत की बधाई दी है। इस मौके पर राजद पार्षद रामचंद्र पूर्वे, सुनील कुमार सिंह, रामबली चंद्रवंशी भी मौजूद थे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने राजद के विधानपार्षदों के साथ बैठक भी की और उन्हें विधान परिषद मे प्रतिपक्ष की भूमिका कैसे निभानी है इसके लिये आवश्यक मार्ग दर्शन भी दिया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान समय मे राजद विधायक एवं विधान पार्षदों की जिमेदारी बढ़ गई है, उन्हें जनता की आवाज को सदन मे उठाना है और उन्हें सामाजिक न्याय दिलाना है। राजद के विधायक एवं विधान पार्षद अपने को जनता के बीच रखें उनसे अपनी घनिष्टता को बढ़ाएं। अभिवंचित, दबाए, सताए लोगो तक पहुंचे। उनकी समस्याओं को सुने और उसका समाधान निकालें। समाज को नफरत की जहर मे घोलने वालों की मंशा को नाकाम करें। सामाजिक सद्भाव को हरतरफ बनाये रखें। बता दें कि बिहार में विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर हुए चुनाव के नतीजे गुरुवार को आए थे। जिसमें राजद के 6 उम्मीदवारों ने शानदार जीत दर्ज किया था।

चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों में पटना से कार्तिक कुमार, मुंगेर से अजय कुमार सिंह, सीवान सीट से बिनोद जायसवाल, गया सीट से कुमार नागेन्द्र उर्फ रिंकू यादव, पश्चिम चंपारण से सौरव कुमार और सहरसा सीट से अजय सिंह शामिल हैं। नवनिर्वाचित छह सदस्यों के बाद विप में राजद के कुल 11 सदस्य हो गये हैं।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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