बुरे वक्त में बिहार की जनता के साथ दृढ़ता से खड़ा है बाबा सिद्दिकी विचार मंच दृढ़ता और बीइंग ह्यूमन : बाबा सिद्दीकी

पटना. कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में आज बिहार में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचने के लिये, बाबा सिद्दिकी विचार मंच के संस्थापक और महाराष्ट्र सरकर के पूर्व मंत्री श्री बाबा सिद्दिकी ने पटना में कहा कि कोरोना जैसी माहमारी के बुरे वक्त में बाबा सिद्दिकी विचार मंच दृढ़ता से बिहार और बिहार के लोगों के साथ खड़ा रहने को प्रतिबद्ध है। महामारी से जारी इस लड़ाई में बाबा सिद्दिकी विचार मंच’ और सलमान खान की ‘Being Human” संस्थाओं ने हालात को समझते हुए और बिहार में इस बीमारी से लोगों को हुई परेशानियों के मद्देनजर एक साथ मिलकर जनता की मदद करने का फैसला किया। इसके तहत हम 200 oxygen concentrators, 25 Bipap Machines, 12000N95 मास्क 600 PPE फिट. 200 stabilisers पावर बैंक अप, 600 Oximeters और फेस शील्ड की राहत सामग्री का वितरण कर रहे हैं। ताकि बिहार के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक राहत पहुंच सके और बिहार के लोग कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई और मजबूती से लड़ सकें।

उन्होंने पटना के होटल लेमन ट्री में आयोजित एक समारोह में सामग्री वितरण के दौरान ये उम्मीद जताई कि उनके इस छोटे से प्रयास से बिहार को कोरोना के खिलाफ अपनी जंग में बल मिलेगा। बाबा सिद्दिकी ने स्वयं राहत सामग्री आज बिहार में ऑक्सीजन मैन के नाम से प्रसिद्ध  गौरव, महावीर मन्दिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि शेषाद्री , तनवीर नफीसा एजुकेशनल एन्ड वैल्फेयर ट्रस्ट, डा तौसीफ जकात अवेयरनेस फाउंडेशन, बिहार मरकज, रेशमा दोस्ताना सफर, मस्कुर यूनाइट फार चैज इनर व्हील पाटलिपुत्र इनर व्हील आम्रपाली, सताक्षी सेवा सदन, सिटीजन्स आफ भोरे विधानसभा क्षेत्र तावीर फाउंडेशन, सिप्तैन अहमद कायम एजुकेशन एंड वेल्फेयर ट्रस्ट को दी गयी। इस मौके पर बाबा सिद्दीकी ने उम्मीद जताई कि यह मदद इन संस्थाओं के माध्यम से हर जरूरमंद लोगों को निःशुल्क मिलेगी और अगर भविष्य में और भी जरूरत हुई तो मदद की जाएगी।

बाबा सिद्दीकी ने कहा कि मेरे अब्बा बिहार से रहे हैं। इसलिए जब भी बिहार के लोग मुश्किल में पड़ते है, तो तब मन दुखी होता है। इंसानियत के नाते हम आज भी मदद लेकर आये हैं। आज कोरोना वायरस एक आजाब बन गया है जो हजारों बेगुनाहों को लील चुक है और लगातार आमजन पर भारी पड़ रहा है। इस बुरे वक्त में हिन्दुस्तान में ना सिर्फ बच्चे अनाथ हुए हैं बल्कि लिने हो परिवारों ने आमदनी का जरिया खो दिया, रोज़ी कमाने वाला खो दिया रोजी और रोटी दोनों के बगैर जिन्दगी आप सोच कर देखें। पिछले डेढ वर्ष में देश ने अभूतपूर्व तकलीफ़, मौत और दुख देखे हैं, जो कि अभी भी खत्म नहीं हुए हैं और बिहार इन सबसे अछूता नहीं है और उस तकलीफों और कमियों के बीच कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी जंग जारी रखे हुए है।

वहीं, मौके पर कदवा विधायक शकील अहमद ने बाबा सिद्दिकी और उनकी संस्था को उनके इस सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुए कहा कि ये मौका है, जब ज्यादा से ज्यादा लोगों को आगे आना चाहिये और अपने अपने तौर पर कोरोना के खिलाफ बिहार की जंग में सहयोग देना चाहिये। उन्होंने बताया कि बाबा सिद्दीकी साहब के पिता बिहार से है और उनका लगाव बिहार से काफी है, को बिहार के कल्याण व सहयोग के प्रति जिम्मेदारी महसूस करते हैं। इसलिए उन्हें जब जब मौका मिलेगा वो अपनी सेवाओं को लेकर तत्पर रहेंगे। आज बाबा सिद्दिकी और उनकी संस्था मुंबई में राहत कार्यों को लेकर एक जनामाना नाम हैं। पिछले वर्षों में कोरोना महामारी के दौरान लॉक डाउन के वक्त में उनकी संस्था द्वारा हजारों लोगों तक राहत पहुंचाने का काम किया गया है। मौके पर बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमा खान ने भी इस राहत सहयोग के लियेबाना सिद्दिकी का धन्यवाद किया और उम्मीद जताई की इस सहयोग से बिहार के लोगों को फायदा पहुंचेगा। इस मौके पर श्री यशवंत गिरि भी मौजूद थे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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