लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के अनुज अग्रवाल ने कहा कि गत 7 और 8 मई की तारीख जम्मू कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जायेंगी । 700 साल के इतिहास में पहली बार 7 मई को महामहिम लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी ने मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना की । और 8 मई को जम्मू में श्रद्धाजंलि और पुण्यभूमि स्मरण सभा के नाम से जम्मू ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ । पूरा जम्मू हजारों हजार तिरँगों से पाट दिया गया । इस कार्यक्रम में सुरेंद्र जैन जी विहिप महामंत्री, जम्मू कश्मीर फोरम और अन्य कई संगठन शामिल थे ।

इन दोनों कार्यक्रमों के साथ लद्दाख़ एवं जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की राष्ट्रीय वार्षिक बैठक भी इस बार 7 और 8 मई को जम्मू में ही आहूत की गई । जहां जम्मू की वर्तमान स्थिति और भविष्यकालीन योजनाओं पर दो दिनों में 12 सत्र हुए जिनमें माननीय सह सरकार्यवाह श्री अरुण कुमार जी, आशुतोष जी निदेशक JKSC, कैप्टन आलोक बंसल जी, प्रान्त प्रचारक जम्मू रूपेश जी, प्रोफेसर नीरजा जी आदि का मार्गदर्शन देश के विभिन्न कोनों से आये JKSC के कार्यकर्ताओं को मिला ।

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सह सरकार्यवाह अरुण ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह प्रथम बार होगा जब विस्थापित होने के बाद हिन्दू किसी भूभाग पर पुनर्स्थापित होगा । आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 A को हटाना जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्यीकरण की तरह प्रथम कदम है । सरकार अपना कार्य करेगी हमें पूर्ण समर्पण से जम्मू कश्मीर अहर्निश कार्य करना होगा ।

इन कार्यक्रमों का दीर्घकालीन प्रभाव जम्मू कश्मीर के भविष्य पर पड़ेगा। वक्ताओं का मानना था कि कि यदि हम धैर्य के साथ निरन्तर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते रहें तब वह दिन दूर नहीं जब loc, PoJK के उस पार होगी ।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

3 thoughts on “700 साल के इतिहास में पहली बार मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना”
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