पटना, संवाददाता। बिहार ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेस के बैनर तले आज ‘ डिजायन योर करियर ’ विषय पर दो घंटे का लेक्चर आयोजित किया गया। यह शैक्षणिक आयोजन पटना के कुरथौल स्थित दीदीजी संस्कारशाला में आयोजित था। जीकेसी के शिक्षण और प्रशिक्षण सेल के ग्लोबल अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा करियर डिजाइन के तकनीक से वहां उपस्थित छात्र-छात्राओं को रूबरू करा रहे थे।
खास बात यह थी कि यह क्लास पटना ग्रामीण के अलग अलग वर्ग के उन बच्चों के लिए जीकेसी ने आयोजित किया था, जिन्हें ऐसे काउंसेलिंग क्लास के अवसर नहीं मिलते। जिन्हें करियर डिजाइनिंग का अर्थ मालूम नहीं था, और इनमें से अधिकतर ने तो करियर डिजाइन शब्द ही पहली बार सुना था। कार्यक्रम की शुरूआत में जीकेसी प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने अतिथि लेक्चरर दीपक कुमार वर्मा को बूके देकर उनका स्वागत किया। साथ ही अंगवस्त्र और प्रतिक चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई।
मौके पर जीकेसी की ओर से बिहार प्रदेश मीडिया सेल के महासचिव मुकेश महान, कला सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर प्रसाद वर्मा, प्रदेश सचिव रंजना कुमारी उपस्थित थी। मौके पर जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सौभाग्य कि बात है कि पुस्तक डिजायन योर करियर के लेखक दीपक वर्मा मुंबई से चल कर आज हम सब के बीच लेक्चर देने आए हैं। हम सबको उनसे सीख लेने की जरूरत है और अपने करियर बनाने में उन तकनिकों का इस्तेमाल करना है जो दीपक जी द्वारा बताया जा रहा है।
अपने लेक्चर की शुरूआत ही दीपक वर्मा ने हर छात्र के व्यक्तिगत विशेष शक्ति से की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पढ़ाई लिखाई से करियर नहीं बनता। खेलकूद से भी और नाच-गाने से करियर बनते हैं। उन्होंने कहा अभिभावक को भी अपने बच्चों के स्ट्रेंथ की पहचान करनी चाहिए और करियर में उसका इस्तेमाल करने में मदद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों का करियर छठे वर्ग में ही तय हो जाना चाहिए और आगे की पढाई सिर्फ करियर रिलेटेड विषय की ही कराई जानी चाहिए। लेकिन अपने देश में दुर्भाग्य है कि इंटर और ग्रेजुएशन के बाद भी यहां बच्चे अपना करियर तय नहीं कर पाते हैं। इसके बाद दीपक वर्मा ने उन बच्चों को करियर तय करने और उसे हासिल करने के कुछ टिप्स भी दिये।
कार्यक्रम के पहले जीकेसी की ओर से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद की जंयती मनाई गई और उपस्थित व्यक्तियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देते हुए मुकेश महान ने कहा कि महामाया प्रसाद एक सफल राजनेता तो थे ही, पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनने का भी उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ। कायस्थ कुल में जन्म लेने वाले महामाय प्रसाद स्वतंत्रता सेनानी भी थे। और आजादी की लड़ाई में उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
इसके अतिरिक्त दीपक कुमार वर्मा, डा. नम्रता आनंद, दिवाकर वर्मा ने भी मौके पर महामाया प्रसाद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। करियर के इस सेशन में दीदीजी फाउंडेशन के रणजीत कुमार सहित कई कार्यकर्ता और संरक्षक मिथलेश सिंह भी उपस्थित थे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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