पटना, सामाजिक संगठन रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या प्राइड ने स्लम एरिया में 101 जरूरमंद लोगों के बीच घड़ा का वितरण किया।
राजधानी पटना के चितकोहड़ा पुल के नीचे स्लम एरिया में रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या प्राइड ने 100 जरूरमंद लोगों के बीच घड़ा का वितरण किया। लोगों के बीच घड़े का महत्व बताते हुए वितरण किया गया।वितरण का कार्यक्रम समाजसेवी रोटेरियन डा. नम्रता आनंद के नेतृत्व में संपन्न हआ।
कार्यक्रम के आयोजन में रोटीरी क्लब ऑफ चाणाक्या प्राइड के अध्यक्ष साकेत सुरेखा, आदिकेसरी जैन, निधि बजाज, खुशबू अग्रवाल, प्रखर साहू, नारायण खेरिया, सौरभ टिकामनी और चेतन का सराहनीय योगदान रहा।मौजूद सभी लोगों ने इस पुनीत कार्य को काफी सराहा।
इस अवसर पर रोटेरियन साकेत सुरेखा ने कहा कि लगातार गर्मी बढ़ रही है ऐसे में जो लोग दैनिक कार्यों से बाहर निकल रहे हैं उन्हें सबसे अधिक शीतल जल की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा,पटना के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण गर्मी में उनकी संस्था घूमेगी और जरूरतमंद लोगों के बीच घड़ा और सुराही का वितरण कराएगी,जिससे इस चिलचिलाती धूप में उन्हें थोड़ी सी राहत मिल सके।घड़े या सुराही का पानी पीना स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर है।

4cf7825a-b73e-41cd-8002-c52a47af5ba4 रोटरी चाणाक्य ऑफ प्राइड के सचिव आदि केसरी जैन ने कहा,मिट्टी की सुराही और घड़ा का पानी स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। घड़ा और सुराही का जल शीतल होता है और बिजली मुक्त होता है।
रोटेरियन डा. नम्रता आनंद ने कहा, घड़ा अथवा मिट्टी के बर्तन में रखा पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है जबकि फ्रिज में कृत्रिम तरीके से पानी को ठंडा किया जाता है। प्राकृतिक रूप से ठंडा घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। घडा या सुराही का पानी पीने से गरमी को शरीर को ठंडक तो मिलती है ही. साथ ही पानी की मिठास भी बनी रहती है। घडा या सुराही का पानी पीने के बाद एक अलग ही सकून का एहसास होता है. जो फ्रीज के पानी में नहीं है। उन्होने कहा नेक ओर पुण्य कार्य में रोटरी चाणक्या के सभी सदस्य अग्रसर रहते है।
निधि बजाज ने कहा,घड़ा या सुराही पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हितैषी हैं। सुराही आदि मिट्टी के पात्र में रखा पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed