Turkey-Syria Earthquake: WhatsApp ने बचाई तुर्की में मलबे में बचे एक छात्र की जान, जानें कैसे?

Turkey-Syria Earthquake: तुर्की और सीरिया में भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है। दोनों देशों में भूकंप में मरने वालों की तादाद 35 हजार के पार पहुंच चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक ये आंकड़ा 50 हजार के भी पार जा सकता है। इस बीच बचाव के कई ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो चमतकार से कम नहीं है। भूकंप आने के सैंकड़ों घंटों बाद भी लोग मलबे से निकाले जा रहे हैं। एक ऐसा ही चमतकार में टेक्नोलॉजी का हाथ है, जहां इस्तांबुल के एक 20 वर्षीय छात्र और उसके परिवार के सदस्यों को उसके द्वारा शेयर किए गए WhatsApp स्टेटस की मदद से बचाया गया है।

Vice के अनुसार, पिछले हफ्ते, सोमवार की दोपहर को जब दूसरा भूकंप आया, तब बोरान कुबत नाम का यह छात्र मालट्या (Malatya) में रिश्तेदारों से मिलने गया था। पूर्वी तुर्की में स्थित मालट्या भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ था और कुबत भी अपने रिश्तेदारों के साथ एक अपार्टमेंट ब्लॉक के मलबे के नीचे फंस गया था।

रिपोर्ट बताती है कि पिछले हफ्ते सोमवार को, सुबह के शुरुआती घंटों में पहले भूकंप से बचने के बाद परिवार ने फिर से ब्लॉक में प्रवेश किया था, लेकिन दोपहर में 7.5 तीव्रता के दूसरे भूकंप से इमारत गिर गई। हालांकि, मलबे में दबे कुबत के पास उसका स्मार्टफोन था, जिसमें मौजूद इस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp का इस्तेमाल करते हुए कुबत ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उसने अपने पते की पूरी जानकारी दी थी और लोगों से मदद मांगी थी।

वीडियो में कथित तौर पर उसने तुर्की भाषा में बोला था, “जो कोई भी इस व्हाट्सऐप स्टेटस को देख रहा है, कृपया आकर मदद करें। कृपया सभी लोग आएं और हमें बचाएं।”

उसके द्वारा प्रदान की गई जानकारी के भरोसे बचावकर्मी परिवार को खोजने में सक्षम रहें और कुबत और उसकी मां और चाचा को मलबे से बाहर निकाला गया।

रिपोर्ट आगे बताती है कि मलबे से बाहर आने के बाद पास खड़े समाचार एजेंसी Reuters के रिपोर्टर को कुबत ने बताया, (अनुवादित) “मेरे पास मेरा टेलीफोन था, इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करता हूं, तो मेरे दोस्त इसे देख सकते हैं और वे हम तक पहुंच सकते हैं।”

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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