Odysse Vader Electric Bike Launch: 7 इंच Android डिस्प्ले के साथ देश की पहली बाइक लॉन्च! सिंगल चार्ज में 125km है रेंज, जानें कीमत

इलेक्ट्रिक टूव्हीलर बनाने वाली भारतीय कंपनी Odysse ने अपनी नई इलेक्ट्रिक बाइक Odysse Vder Electric पेश की है। यह देश की पहली इलेक्ट्रिक बाइक है जो 7 इंच के एंड्रॉ़यड डिस्प्ले के साथ आती है। बाइक को एडवांस और इनोवेटिव फीचर्स के साथ पेश किया गया है। आइए आपको बताते हैं कि इस बाइक की कीमत क्या है, और इसमें किन फीचर्स और बैटरी पावर का इस्तेमाल किया गया है। 
 

Odysse Vader इलेक्ट्रिक बाइक की कीमत

Odysse Vader इलेक्ट्रिक बाइक को कंपनी ने 1,09,999 रुपये में लॉन्च किया है। यह इसका एक्स-शोरूम (अहमदाबाद) प्राइस है। बाइक को पूरी तरह भारत में बनाकर तैयार किया गया है।  
 

Odysse Vader इलेक्ट्रिक बाइक की पावर, फीचर्स

ओडिसी वाडेर इलेक्ट्रिक बाइक भारत की ऐसी पहली इलेक्ट्रिक बाइक कही जा रही है जिसमें 7 इंच का एंड्रॉयड डिस्प्ले देखने को मिलता है। इसे Odysse EV App से कनेक्ट किया जा सकता है। Odysse VADER में 3000W इलेक्ट्रिक मोटर लगी है। इसमें 85 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड दी गई है। ईको मोड में यह 125 किलोमीटर तक की रेंज तक जा सकती है। EV में CBS यानि कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम दिया गया है। इसमें फ्रंट में 240mm के डिस्क ब्रेक मिलते हैं और रियर में 220mm के डिस्क ब्रेक मिलते हैं। 

इलेक्ट्रिक बाइक में Lithium-ion बैटरी का इस्तेमाल किया गया है, जिसके लिए कहा है कि यह 4 घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाती है। जैसा कि पहले बताया गया है, इसमें 7 इंच का एंड्रॉयड डिस्प्ले मिलता है। साथ में गूगल मैप नेविगेशन, 18 लीटर का स्टोरेज स्पेस, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी जैसी कई सुविधाएँ दी गई हैं। बाइक में एलईडी लाइटिंग और रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है जो इसे काफी खास बनाता है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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