अलीशा खानम

त्योहार भारत का अटूट हिस्सा है। अलग-अलग समुदाय के त्योहारों ने हमारे देश को विशेष रंग रूप में डाला है। वैसे तो हमारे देश में भिन्न भिन्न प्रकार के त्योहार है परंतु उनमें से कुछ मुख्य एवं विशेष है।

मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाए जाने वाला रमजान भी एक ऐसा ही त्योहार है। रमजान का महीना मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र और विशेष होता है। उनके धर्म में और इतिहास में इस महीने की विशेष भूमिका है। रमजान अर्थात इबादत के महीने में मुसलमान अल्लाह के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवें महीने में होता है। जिसकी शुरुआत रमजान का चांद देखकर की जाती है। मुस्लिम समुदाय इस महीने में अल्लाह की इबादत करता है और रोजे रखता है।

रोजे में मुसलमान सूरज उगने से लेकर सूरज डूबने तक बिना अन्न और जल के रहते हैं और इसका वास्तविक अर्थ यह है कि आप सच्चे दिल से ईश्वर के प्रति जागरूक रहें एवं समर्पित रहे। सूर्योदय से पहले खाने वाले भोजन को सेहरी या सुहूर कहते हैं और वह भोजन जिसे खाकर मुस्लिम अपना रोजा तोड़ते हैं उसे इफ्तार कहते हैं।

इस महीने में खजूर का भी बहुत प्रचलन है। सेहरी और इफ्तार दोनों में ही खजूर प्रचलित है।कुछ लोग जैसे की गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग एवं जो लोग बीमार हैं उन पर रोजे अनिवार्य नहीं होते।

रमजान का इतिहास

रमजान का इतिहास बहुत पुराना और इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़ा हुआ है। 610 ई. में जब पवित्र कुरान अवतरित की गई तो वह इसी पावन महीने में की गई।

रमजान ही वह महीना है जब मोहम्मद साहब को अल्लाह ने अपने दूत के रूप में चुना । अतः इस महीने का मुस्लिम समुदाय में बहुत ही अधिक महत्व है एवं सारे मुसलमानों पर रोजा रखना अनिवार्य माना गया है।

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार या महीना स्वयं पर नियंत्रण का पानी में एवं गरीबों के दु:ख दर्द को महसूस करने में भी मदद करता है ।

माना जाता है कि यह महीना मन को पवित्र करने और विचारों को नियंत्रित करने में बहुत ही मददगार है इसके साथ ही या आत्म संयम रखना सिखाता है एवं बुरी चीजों से दूरी बनाना भी सिखाता है।

रमजान का पावन उत्सव 

रमजान का महीना मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है इस महीने का अंत मुसलमानों के सबसे बड़े पर्व ईद उल फितर के साथ होता है।

मुसलमान इस महीने में पूरी दृढ़ता से अपने रब की इबादत करते हैं एवं किसी भी गलत काम से दूरी बनाकर रखते हैं। रमजान प्रेम सद्भावना एवं इबादत का महीना है और यह लोगों में मेल मिलाप बढ़ता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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