• विश्व संगीत दिवस के अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस करेगा संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन
  • संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग : राजीव रंजन प्रसाद
  • हर प्रतिभा को सम्मान और अवसर के लिए प्रतिबद्ध है जीकेसी : पवन सक्सेना
  • नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने और जागृत करने के लिए प्रतिबद्ध है जीकेसी : श्वेता सुमन
  • सभी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है संगीत : देव कुमार लाल

नयी दिल्ली/पटना. ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) विश्व संगीत दिवस 21 जून के अवसर पर वर्चुअल संगीमय कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने बताया कि संगीत सभी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व संगीत दिवस 21 जून के उपलक्ष्य पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के सौजन्य से वर्चुअल संगीत कार्यक्रम का आयोजन संध्या साढ़े आठ बजे से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को जीकेसी कला- संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव पवन सक्सेना और राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता सुमन होस्ट करेंगी।


जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि हर साल 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है जब दुनिया संगीत का सबसे अच्छा जश्न मनाती है। उन्होंने कहा संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। संगीत से हर किसी का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है, कि जीवन के महत्वपूर्ण पल संगीत से ही होकर गुजरते हैं। खुद को खुश, उर्जावान और तनावमु्क्त करने के लिये संगीत से अच्छा माध्यम और क्या हो सकता है। संगीत एक ऐसी चीज है जो हर किसी को पसंद है। यह हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और हमारे नियंत्रण की भावना को बढ़ा सकता है।


पवन सक्सेना ने कहा 21 जून को “विश्व संगीत दिवस” के साथ ही योग दिवस भी है और योग अपने आप को निरोग रखने का सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जबकि कोरोना महामारी ने सबके जीवन को प्रभावित किया है, कला और संस्कृति के माध्यम से हम सब फिर से ऊर्जावान हो, यही सोच लेकर ये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।


श्वेता सुमन ने कहा जैसा कि सर्वविदित है कि 21 जून को विश्व संगीत.दिवस और योग दिवस भी है।संगीत जीवन के दो मत्वपूर्ण स्तंभ हैं जो रचनात्मक एवं स्वस्थ जीवन के आधार है। यह सत्र निश्चय ही संगीत और इसे साधने वाले साधकों के लिए एवं समाज में संगीत के महत्व के लिए एक महत्वपूर्ण सत्र होगा।समाज के रचनात्मक उत्थान के लिए नई पीढ़ी को संस्कृति जोड़ना और जागृत करने के लिए जीकेसी प्रतिबद्ध है।
जीकेसी डिजिटल -तकनीकी प्रकोष्ट के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने बताया कि कला और संस्कृति समाज की रीढ़ है और चेतना का माध्यम है इसे अपसंस्कृति से बचाने एवं गुणवत्ता के लिए संकल्पित है जीकेसी का कला संस्कृति प्रकोष्ठ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि संगीतमय कार्यक्रम में श्रीमती शालू श्रीवास्तव, श्रीमती श्रुति सिन्हा, श्रीमती रूचिता सिन्हा, कुमार संभव, श्रीमती हैप्पी श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव,श्रीमती संपन्नता वरूण, श्रीमती नीना मंदिलवार, श्रीमती विजेता सिन्हा,राकेश कुमार, श्रीमती वंदना श्रीवास्तव, सुबोध नंदन सिन्हा, अभिषेक माथुर, प्रवीण बादल और सरनाभो प्रीतीश प्रस्तुति देंगे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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